Barnawapara Wildlife Sanctuary जो छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित हैं। बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण जिनकी स्थापना सन 1972 में एवं 1976 में यह वन्यजीवों के लिए अस्तित्व में आया। यहां प्रतिवर्ष औसतन 1200 मिमी वर्षा होती हैं। बारनवापारा का नाम दो वन्य गांवों से मिलकर बना हैं – बार और नवापारा।
वन्यजीवों के प्रेमियों और एडवेंचर के शौक़ीन लोगो के लिए यह सफारी बहुत ही मनोरंजनात्मक हैं। यहाँ आपको हिंसक जानवरों से लेकर मासूम खरगोश तक देखने को मिल सकता हैं। साथ ही यहाँ विदेश से आने वाले पक्षियों का कुछ समय के लिए बसेरा भी हैं। यहाँ आपको बहुत ऊँचे-ऊँचे पेड़ से लेकर दो नदियां बालमदेही और जोंक नदियों का कल-कल भी सुनाई देगा। Tribe.well के तरफ से आपको नदियों के तटों में Camping व जंगलों में Day एवं Night Tracking भी कर सकते हैं। यहाँ रूककर आप Wildlife Sanctuary का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।
यहाँ पाए जाने वाले पेड़ –
Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh के घने जंगल को सागौन, साल और मिश्रित वनों से बांटा जा सकता हैं। यहाँ सागौन (Tectona grandis) के साथ अन्य वृक्ष जैसे साजा (Terminalia Tomentosa), बीजा (Tarocarpas Marsupia’s), लेंडिया (lagerstroemia Parviflora), हल्दू (Adina Card folia), सरई (Shorea robusta), धौंरा (Anogeissus latifolia), आंवला (Phyllanthus emblica), और अमलतास (Cassia fistula), कर्रा शामिल हैं। इस वन में बांस के सुन्दर स्वरुप को भी देखा जा सकता हैं। दिसम्बर माह से अभ्यारण की नदियों नालों का पानी कम होने लगता हैं। नदी तल में छोटे-छोटे ताल बहुत ही सुन्दर दिखने लगता हैं।
यहाँ पाए जाने वाले पशु-पक्षी एवं वन्यजीव –
Wildlife Sanctuary के मध्य में 45 वर्ग किमी के क्षेत्र को कोर जोन में बांटा गया हैं। जिसमे पर्यटकों का जाना वर्जित हैं तथा बफर जोन पर्यटकों के लिए खुला हुआ रहता हैं। इस बारनवापारा अभ्यारण में तेंदुएं (Leopard), बाघ (Tiger), गौर (Gaur), भालू (Bear), चीतल (Dear), सांभर (Sambhar), नीलगाय (Bovinae), जंगली सुवर (Wild Pig) सामान्यतः देखे जा सकते हैं। साथ ही कोटरी चौसिंगा, जंगली कुत्ता, लकड़बग्गा,लोमड़ी इत्यादि भी आसानी से दिख जाते हैं। वही रेंगने वाले जीवों के प्रजातियों की बात की जाय तो कोबरा (Cobra), करैत (Krait), अजगर (Dragon snake) जैसे सर्प प्रजातियां पाई जाती हैं। इस अभ्यारण में 150 से भी अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। जिनमे प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। प्रमुख पक्षियों के नाम कुछ इस प्रकार हैं – मोर (Peacock), दूधराज, तोते, गोल्डन, अरियल, ड्रेंगो, रॉबिन, पाई, कठफोड़वा, बुलबुल, हुदहुद, बाझ, उल्लू इत्यादि हैं।
बार वन्यजीव अभ्यारण्य तक पहुंचने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं
–हवाई मार्ग से – निकटतम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद माना हवाई अड्डा रायपुर है। यह लगभग 122 किमी की दूरी पर स्थित है।रेल मार्ग से – निकटतम रेलवे जंक्शन रायपुर है। यह लगभग 131 किमी की दूरी पर स्थित है। लेकिन निकटतम रेलवे स्टेशन महासमुंद, भाटापारा है।सड़क मार्ग से – कुछ बड़े शहरों से उनकी दूरी बता रहे हैं।
रायपुर- 122 किमी
महासमुंद- 85 किमी
बलौदाबाजार- 53 किमी
बिलासपुर- 100 किमी
पिथौरा- 30 किमी
कसडोल- 24 किमी
Barnawapara Resort Chhattisgarh Tourism
Chhattisgarh Ecotourism के तहत आपको यहाँ Resort देखने को मिल जायेगा। जिसमे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन Booking भी करा सकते हैं। कुछ Bar Resort की सूचि दिया गया हैं जो इन घने जंगलों के बीच बना हुआ। जहाँ रूककर आप प्रकृति के साथ जुड़ सकते हैं-
- Mubamachan Resort & Adventure Activity
- Moira Eco Resort Barbaspur
- Dev Hill’s (Facebook)
- Mohanda Resort Barnawapara
Bar Forest Jungle Safari Fee
दोस्तों इस जंगल में प्रवेश करने के लिए आपको वन अवरोधक के जगह कुछ शुल्क देना होता हैं जिसके बिना प्रवेश नहीं दिया जाता हैं –
अभ्यारण में प्रवेश शुल्क की दरें –
प्रति व्यक्ति | 30/- रु. |
विदेशी व्यक्ति | 200/- रु. |
कार, जीप, जिप्सी | 60/- रु. |
बस, मिनी बस | 300/- रु. |
ट्रैक्टर | 150/- रु. |
Nearest Place in Bar
दोस्तों इस जगह के आसपास अन्य tourist places की जानकारी हम नीचे दे रहे हैं। वैसे तो इस जगह को पूरी तरह घूमने के लिए आपको दो से तीन का समय देना चाहिए।
- सिद्धखोल जलप्रपात – यह मौसमी जलप्रपात हैं। जिसकी दुरी महज 15 किमी के आसपास हैं।
- तुरतुरिया – बार अभ्यारण के आगे में तुरतुरिया हैं। जहाँ लव-कुश का जन्म हुआ हैं। यहाँ से बहुत ही कम दुरी में स्थित हैं। (Map में Search ना करे। Local से पूछे आपको सीधे रास्ते बताएगा। )
- धसकुड़ जलप्रपात – बालमदेही नदी बार के जंगलों से होकर धसकुड़ वॉटरफॉल बनाती हैं, जो बहुत ही खूबसूरत लगती हैं। लेकिन ये मौसमी जलप्रपात हैं।
Trip Advise – दोस्तों आप इस जगह पे थोड़ा सावधान होकर रहे। यहाँ जंगली- जानवरों का खतरा हमेशा बना रहता हैं। आप इस जगह का आनंद 2 से 3 दिन रूककर प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं। यहाँ आकर जंगल सफारी का आनंद जरूर उठावे।