ए नंदा जाही का रे छत्तीसगढ़ी कविता

ए नंदा जाही का रे छत्तीसगढ़ी कविता

ए नंदा जाही का रे नंदा जाही का रे नंदा जाही का
कमरा अऊ खुमरी अरई तुतारी अरा ररा तता छो


होत बिहनिया पखरा के आगी तेडगा हे चोंगी तेडगा हे पागी
नोई झूले जस गर कस माला धरे कसेली दउडथे ग्वाला
तेडगा लऊडी ला बाखा दबाए बंसी के धुन मा धेनु चरैया नंदा जाही का
कमरा अऊ खुमरी अरई तुतारी अरा ररा तता छो


रच रच मच मच गेडी मचैया गाँव गली मा पडकी नचैया
मांदर के थाप मा राहस रचाए पंथी के धुन ला गाए बजाए
गाँव के लीला चाउर के चिला मेला मडई मा ढेलवा झुलैया नंदा जाही का
कमरा अऊ खुमरी अरई तुतारी अरा ररा तता छो


जिमी कांदा कनसईया उसनागे लेड़गा बरी के बनईया नंदागे
डार के पीठी अदऊरी बरी ला चेचभाजी संग धरे जोड़ी ला
महि बिलोए पठोए मंगाए डुबकी कड़ही के रंधैया नंदा जाही का
नंदा जाही का रे नंदा जाही का रे नंदा जाही का
कमरा अऊ खुमरी अरई तुतारी अरा ररा तता छो


टेडा बारी के टेडा टेडैया घेच मा घाटी घुंगरू बंधैया
गोल्लर दौड़य खावय अघावय हरहा मरहा ला कोनो नई भावय
का मेडवार के घानी मुनि मा गाए ददरिया दौरी खेदईया नंदा जाही का
नंदा जाही का रे नंदा जाही का रे नंदा जाही का
कमरा अऊ खुमरी अरई तुतारी अरा ररा तता छो

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