रायपुर में इस्कॉन मंदिर: आस्था, भव्यता और आध्यात्म का संगम

ISKCON Temple in Raipur: A confluence of faith, grandeur and spirituality

रायपुर में इस्कॉन मंदिर: आस्था, भव्यता और आध्यात्म का संगम

रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी, अब एक धर्मनगरी के रूप में अपनी पहचान बना रही है। यहां मौजूद राम मंदिर, सालासर बालाजी मंदिर और जगन्नाथ मंदिर के साथ अब टाटीबंध क्षेत्र में बना श्रीराधा-रासबिहारी इस्कॉन मंदिर भी भक्तों और पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बन चुका है।

ISKCON Temple in Raipur: A confluence of faith, grandeur and spirituality
ISKCON Temple in Raipur: A confluence of faith, grandeur and spirituality

12 वर्षों की मेहनत और भव्यता का परिणाम

यह मंदिर 12 साल की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। साल 2012 में शुरू हुए निर्माण कार्य के बाद, यह भव्य मंदिर 2024 में पूरी तरह तैयार हो गया। मंदिर में कुल 13 शिखर बनाए गए हैं, जिनमें हर शिखर पर सोने के कलश लगाए गए हैं। इन 13 स्वर्ण कलशों का कुल वजन 1.25 किलो है।

ISKCON Temple in Raipur: A confluence of faith, grandeur and spirituality
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प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन

मंदिर में विगत दिनों प्राण-प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ, जो तीन दिन तक चला। इस समारोह में देश-विदेश से भक्त और अतिथि पहुंचे। जापान, अमेरिका और साउथ अफ्रीका जैसे देशों से प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। आयोजन में 21 कुंडों पर हवन, भजन और हरी नाम संकीर्तन जैसे आध्यात्मिक कार्यक्रम हुए।

ISKCON Temple in Raipur: A confluence of faith, grandeur and spirituality
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मंदिर की संरचना और निर्माण

मंदिर परिसर का विस्तार 10 एकड़ में फैला हुआ है। शुरुआत में सवा तीन एकड़ जमीन दी गई थी, जो अब बढ़कर 10 एकड़ हो गई है। इस भव्य मंदिर के निर्माण में अब तक 51 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं। मंदिर के गर्भगृह में श्री राधा-रासबिहारी की संगमरमर से बनी सुंदर मूर्ति स्थापित की गई है।

ISKCON Temple in Raipur: A confluence of faith, grandeur and spirituality
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भक्तों के लिए विशेष सुविधाएं

मंदिर परिसर में भक्तों के ठहरने के लिए 64 कमरों वाला सुविधायुक्त गेस्ट हाउस भी बनाया गया है। इसके साथ ही, मंदिर में दैनिक पूजा-अर्चना, संकीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

दर्शन के समय

भक्तगण मंदिर में सुबह 4:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।

इस्कॉन मंदिर का महत्व

यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि हरे कृष्ण आंदोलन का भी प्रतीक है, जिसे अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (ISKCON) द्वारा संचालित किया जाता है। यह समूह श्रीकृष्ण के जीवन, उनके विचारों और जीवन जीने के आध्यात्मिक तरीकों का प्रचार-प्रसार करता है।

रायपुर का यह इस्कॉन मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक अद्भुत धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

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