छत्तीसगढ़: मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर और अग्रणी

छत्तीसगढ़: मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर और अग्रणी

छत्तीसगढ़ राज्य ने एक बार फिर से देश में अपनी विशेष पहचान बनाई है। कांकेर जिले को मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ के मत्स्य क्षेत्र की उत्कृष्टता और समर्पण का प्रतीक है। यह अवार्ड 21 नवंबर को विश्व मात्स्यिकीय दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह द्वारा प्रदान किया जाएगा।

Chhattisgarh: Self-reliant and leader in fisheries

छत्तीसगढ़: मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर और अग्रणी मुख्यमंत्री की बधाई और उत्साह

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की और राज्य के मत्स्य कृषकों, मछलीपालन विभाग के अधिकारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा,

“छत्तीसगढ़, लैंड लॉक राज्य होते हुए भी, देश के अग्रणी मत्स्य उत्पादक राज्यों में से एक है। मछली बीज उत्पादन में राज्य छठवें स्थान पर है। यह हमारे मेहनती मत्स्य कृषकों और तकनीकी प्रयासों का परिणाम है।”

छत्तीसगढ़: मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर और अग्रणी

छत्तीसगढ़ में कुल 1,29,039 जल स्त्रोत हैं, जिनका जल क्षेत्र 2.032 लाख हेक्टेयर में फैला है। इनमें से 96% जलक्षेत्र में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में सघन मत्स्य पालन हेतु अब तक 6,783 हेक्टेयर जलक्षेत्र निर्मित किया जा चुका है।

मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ की प्रगति

  • कुल 115 हैचरियों के माध्यम से प्रति वर्ष 546 करोड़ मछली बीज का उत्पादन।
  • छत्तीसगढ़ अब पश्चिम बंगाल पर निर्भर नहीं है और मछली बीज का निर्यात पड़ोसी राज्यों को भी करता है।
  • राज्य में प्रति वर्ष 7.30 लाख टन मछली उत्पादन हो रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ अंतर्देशीय मत्स्य उत्पादन में देश में आठवें स्थान पर है।

छत्तीसगढ़: मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर और अग्रणी मत्स्य पालन के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग

राज्य में जलाशयों और बंद खदानों में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मछली उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।

  • 9551 केज कल्चर, 415 बायोफ्लॉक यूनिट, 06 आरएएस और 253 बॉयोफलॉक पॉण्ड स्थापित किए गए हैं।
  • रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर में थोक मत्स्य बाजार की स्थापना की गई।

मत्स्य कृषकों को दी जा रही हैं सहूलियतें

छत्तीसगढ़ सरकार ने मत्स्य कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं:

  1. किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक ऋण की सुविधा।
  2. 1% से 3% ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण।
  3. एनएफडीपी योजना के अंतर्गत मत्स्य कृषकों का पंजीकरण।

छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि क्यों खास है?

छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन का क्षेत्र लगातार प्रगति कर रहा है। लैंड लॉक राज्य होते हुए भी यह राज्य आत्मनिर्भर है और अन्य राज्यों को मछली बीज निर्यात करता है। राज्य की यह सफलता छत्तीसगढ़ के मत्स्य कृषकों की मेहनत, विभागीय अधिकारियों के समर्पण और सरकार की योजनाओं का संयुक्त परिणाम है।

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