छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाला: पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाला: पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में भर्ती घोटाले के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रायपुर से पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। सोनवानी पर 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का गंभीर आरोप है। यह रिश्वत बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल से ली गई थी।

Chhattisgarh Public Service Commission scam: Former chairman Taman Singh Sonwani arrested

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाला: पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी गिरफ्तार रिश्वत के एवज में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन

टामन सिंह सोनवानी पर आरोप है कि उन्होंने श्रवण कुमार गोयल के बेटे और बहू को डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन सुनिश्चित करने के लिए रिश्वत ली। यह रिश्वत ग्राम विकास समिति के माध्यम से 20 लाख और 25 लाख रुपये की दो किश्तों में ली गई। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यह समिति सोनवानी के रिश्तेदारों द्वारा संचालित थी।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाला: पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी गिरफ्तार सीबीआई की कार्रवाई

सीबीआई ने इस साल जुलाई 2024 में टामन सिंह सोनवानी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। उन पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भाई-भतीजावाद और अनियमितताओं का आरोप है। सोमवार, 18 नवंबर 2024 को सीबीआई ने रायपुर में कार्रवाई करते हुए सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, श्रवण कुमार गोयल को भी रिश्वत देने के आरोप में हिरासत में लिया गया।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाला: पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी गिरफ्तार CGPSC परीक्षा घोटाले के बड़े आरोप

  • 2022 CGPSC परीक्षा में हेराफेरी:
    2022 की परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों के आरोप लगे, जिनके परिणाम 11 मई 2023 को घोषित हुए थे।
  • परिचितों और रिश्तेदारों का चयन:
    पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और परीक्षा नियंत्रक पर अपने रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी जैसे उच्च पदों पर भर्ती कराने का आरोप है।

परीक्षा में पेपर लीक का आरोप

जांच में खुलासा हुआ है कि परीक्षार्थियों को परीक्षा के पहले ही प्रश्नपत्र उपलब्ध करा दिए गए थे। इससे वे अधिक अंक लाकर मेरिट सूची में शामिल हो गए। मेरिट सूची में राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों और पीएससी अधिकारियों के रिश्तेदारों का नाम होने से मामला और भी गंभीर हो गया।

विधानसभा चुनाव में उठी थी मांग

CGPSC घोटाले का मुद्दा 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उठा था। बीजेपी ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। सरकार बदलने के बाद सीबीआई को यह मामला सौंपा गया, जिसके बाद तेजी से जांच हुई।

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