छत्तीसगढ़: युवावस्था की ऊर्जा के साथ सशक्त एवं आत्मनिर्भर राज्य की ओर
छत्तीसगढ़, भारतीय संघ का 26वां राज्य, अपनी स्थापना के 24 वर्षों में युवावस्था की ऊर्जा के साथ तेज गति से विकास की दिशा में अग्रसर है। 1 नवंबर 2000 को गठित यह राज्य अब 25 वर्ष के स्वर्णिम वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और देश में एक अग्रणी राज्य बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है। 4.1% भौगोलिक क्षेत्रफल के साथ, छत्तीसगढ़ को खनिज संपदा, घने वन क्षेत्र, और शांतिपूर्ण समाज का वरदान प्राप्त है, जो इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जा रहा है।
कृषि क्षेत्र में उन्नति: “धान का कटोरा”
छत्तीसगढ़ राज्य ने खरीफ वर्ष 2022-23 में 23.42 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है, जो एक नया कीर्तिमान है। यह उपलब्धि “धान का कटोरा” कहलाने वाले राज्य की कृषि सशक्तता को दर्शाती है। साथ ही, राज्य में तीन वृहद, 29 मध्यम और 1,945 लघु सिंचाई योजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता को 13.28 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 21.52 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया गया है।
शिक्षा में सुदृढ़ता
राज्य निर्माण के समय छत्तीसगढ़ में 29,011 सरकारी स्कूल थे, जो अब 56,333 हो चुके हैं। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों की संख्या भी 3 से बढ़कर 9 हो गई है, और अब प्रदेश में 15 निजी विश्वविद्यालय, 335 सरकारी कॉलेज, और 268 अनुदान प्राप्त एवं गैर-अनुदानित कॉलेज हैं। इस शैक्षिक उन्नति ने राज्य को युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास में एक सशक्त आधार प्रदान किया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधार
छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ और ‘शहीद वीरनारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना’ जैसे कार्यक्रमों का संचालन किया है। इन योजनाओं के लिए राज्य ने 1,526 करोड़ का बजट आवंटित किया है, साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1,821 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 46,290 आंगनवाड़ी और 5,673 मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से भी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है।
सशक्त नेतृत्व के साथ स्वर्णिम भविष्य की ओर
छत्तीसगढ़ अपने कुशल मानवीय संसाधन, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ नए आयाम स्थापित कर रहा है। युवावस्था के जोश के साथ राज्य सरकार के सशक्त नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने पिछले 24 वर्षों में विकास की दिशा में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं और यह शिक्षा, कृषि, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति कर रहा है।
राज्य का 25वां वर्ष एक सुनहरे युग की शुरुआत है जो छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भरता और समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।