अरपा पैरी के धार महानदी के अपार- छत्तीसगढ़ राज्यगीत
अरपा पड़री के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पईयो।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरियर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।’
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया।
(महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।)
रइगद हाबय सुघर तोरे मँउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियाँ,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरुग, बस्तर सोहय पयजनियाँ,
नाँदगाँवे नवा करधनियाँ
(महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।)
छत्तीसगढ़ का राज्य गीत