बस्तर-नेट परियोजना ने बस्तर क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस परियोजना के तहत 836 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के साथ, बस्तर में मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी में वृद्धि हुई है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास कार्यों को फायदा हुआ है। जानें कैसे बस्तर-नेट ने बस्तर की डिजिटल दुनिया को बदल दिया है।
बस्तर-नेट परियोजना: बस्तर के दूरदराज क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति
बस्तर-नेट परियोजना ने बस्तर क्षेत्र के इंटरनेट कनेक्टिविटी की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है। बस्तर का क्षेत्र, जो अपनी नक्सल समस्या, कम जनसंख्या घनत्व और अधिक वनक्षेत्र के कारण इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी का सामना कर रहा था, अब डिजिटल युग की ओर बढ़ रहा है।
इस परियोजना के तहत, बस्तर के सातों जिलों में 836 किलोमीटर लंबी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। इस नेटवर्क में रिंग पद्धति का उपयोग कर अबाधित कनेक्टिविटी प्रदान की गई है, जिससे दूरसंचार घनत्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस नेटवर्क के माध्यम से वॉयस और डेटा सेवाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र के उद्यमों को प्रोत्साहन मिला है।
बस्तर-नेट से प्राप्त लाभ:
- दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी: अब बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों तक मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है।
- स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास में सहायता: स्वास्थ्य सेवाओं, शैक्षणिक कार्य, विकास कार्य और पुलिस सेवाओं के लिए प्रभावशाली नेटवर्क उपलब्ध है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को डिजिटल भुगतान के माध्यम से प्रोत्साहन मिला है।
- समान अवसरों की उपलब्धता: दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे सुदूर वन अंचल के विद्यार्थियों को इंटरनेट का लाभ मिला है, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए समान अवसर प्राप्त हुए हैं।
इस नेटवर्क की मदद से 931 वीडियो कांफेन्स का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है। योजना अंतर्गत, बस्तर संभाग के सातों जिलों और 11 तहसील मुख्यालयों में अबाधित इंटरनेट कनेक्टिविटी सेवा उपलब्ध है।
बस्तर-नेट परियोजना ने बस्तर क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाते हुए न केवल कनेक्टिविटी को बढ़ाया है, बल्कि इस क्षेत्र के विकास और प्रगति में भी अहम भूमिका निभाई है।