- बॉलीवुड, छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी कलाकारों, पतंगबाज टीम, कठपुतली नृत्य, मलखंभ खिलाड़ियों की मौजूदगी से भव्य बनेगा महोत्सव
- एडवेंचर स्पोर्ट्स, म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंटल प्रस्तुति, लोक नृत्य भी बढ़ाएंगे महोत्सव की शान
अंबिकापुर : मैनपाट महोत्सव की तैयारी जोर शोर से शुरू, कलेक्टर ने ली बैठक
जिले में मैनपाट महोत्सव 2024 की तैयारी जोर शोर से शुरू हो चुकी है। 23, 24 और 25 फरवरी को तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव का आयोजन हर वर्ष की भांति मैनपाट में रोपाखार जलाशय के निकट किया जा रहा है। महोत्सव के भव्य और गरिमामय आयोजन हेतु अधिकारियों को दायित्व सौंप दिए गए हैं। कलेक्टर श्री विलास भोस्कर ने सोमवार को महोत्सव के आयोजन के संबंध में बैठक लेकर अधिकारियों को उनके सौंपे गौर दायित्वों को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री नूतन कंवर, अपर कलेक्टर श्री टेकचंद अग्रवाल, सहित समस्त एसडीएम और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मैनपाट महोत्सव में इस बार बॉलीवुड से लेकर छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी कलाकार भी शिरकत करेंगे। इसके साथ ही स्थानीय कलाकारों को भी मंच प्रदान किया गया है। महोत्सव में प्रसिद्ध हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे, मशहूर बॉलीवुड सिंगर पलक मुच्छल, रूप कुमार राठौड़ और अल्ताफ रजा, कुमार सत्यम, भोजपुरी अभिनेता एवं गायक खेसारी लाल, छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय कलाकार आरू साहू जैसी हस्तियां महोत्सव में शामिल होने जा रही हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी कलाकार मनाली सांखला, कठपुतली नृत्य, कोलकाता, छत्तीसगढ़ी, संबलपुरी और दुलदुली लोक नृत्य कलाकार भी इस बार मैनपाट महोत्सव 2024 में जलवा बिखेरेंगे।
सोनी टीवी के इंडियाज गॉट टैलेंट प्रतियोगिता के विजेता अबूझमाड़ के मलखंब खिलाड़ी और विभिन्न म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंटल प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र होंगे। एडवेंचर स्पोर्ट्स में पैरासेलिंग, कैंपिंग, एटीवी बाइक राइड, बोटिंग आदि का लुत्फ लोग उठा सकेंगे। उड़ीसा और अहमदाबाद के कलाकारों द्वारा फैंसी पतंग बाजी का भी नजारा तीनों दिन लोगों को देखने को मिलेगा। मैनपाट महोत्सव में सरगुजा के लोक कलाकारों संजय सुरीला, रित्विका बनर्जी, आंचल मंडिलवार को भी अपना प्रदर्शन करने का अवसर दिया जाएगा।
मैनपाट महोत्सव 2024 के तीन दिनों तक सुबह से लेकर रात तक यहां सैलानियों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा, पार्किंग, वाहन व्यवस्था के भी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं। विभागीय योजनाओं के जीवंत मॉडल और लोगों के जीवन मे आए सकारात्मक बदलाव की छवि विभागीय स्टाल के माध्यम से की जाएगी।