छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की योजना: खाद्य मंत्री का बयान और तैयारियों की समीक्षा
छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने घोषणा की कि प्रदेश में किसानों से धान खरीदी की योजना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य में 14 नवंबर से धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रायपुर स्थित निवास कार्यालय में मंत्री श्री बघेल ने राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर धान खरीदी व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा की।
प्रमुख बिंदु:
- उपार्जन केंद्रों की संख्या
- : राज्य में 2739 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा।
- पंजीकृत किसानों की संख्या:
- खरीफ सीजन में कुल 27,01,109 किसान पंजीकृत हुए हैं, जिसमें 1,35,891 नए किसान शामिल हैं। इससे 1,36,263 हेक्टेयर में नए रक्बों का पंजीयन किया गया है। अनुमानित रूप से 34,51,729 हेक्टेयर में धान उपार्जन होगा।
- खरीदी व्यवस्था और बायोमैट्रिक प्रणाली: सभी उपार्जन केंद्रों में बायोमैट्रिक डिवाइस का उपयोग किया जाएगा। छोटे, सीमांत और बड़े किसानों से धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।
- टोकन प्रणाली: खरीदी के लिए 07 नवंबर से टोकन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है। लघु और सीमांत किसानों को अधिकतम 2 टोकन तथा बड़े किसानों को 3 टोकन की पात्रता दी गई है।
- खरीदी की अवधि: धान खरीदी का समय 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक होगा। इस दौरान किसान अपने निकटतम केंद्रों पर जाकर समर्थन मूल्य पर धान बेच सकते हैं।
- सुविधाएं और निगरानी: तौल हेतु इलेक्ट्रॉनिक कांटा-बांट, बारदाना, छांव, और पानी की सुविधा सुनिश्चित की गई है। उठाव की प्रक्रिया मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समय पर होगी।
- शिकायत और सहायता: उपार्जन केंद्रों पर हेल्पलाइन नंबर चस्पा किए गए हैं, और राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है (फोन नं: 0771-2425463)। किसानों को भुगतान के लिए “माइक्रो एटीएम” की व्यवस्था भी है। धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
- ध्यान और विशेष कार्ययोजना: सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी और चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा अधिकृत व्यापारियों की सूची प्रशासन के साथ साझा की गई है। मार्कफेड द्वारा कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए रियल टाइम निगरानी की व्यवस्था है।
- जांच दल: प्रत्येक जिले के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है। मंत्री ने निर्देश दिया है कि ये टीमें खरीदी प्रक्रिया की कम से कम तीन बार जांच करेंगी।
श्री बघेल के निर्देशानुसार, धान रिसाइकलिंग और बोगस खरीदी पर रोक लगाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं।