छत्तीसगढ़: कुख्यात माओवादी प्रभाकर राव गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। प्रभाकर राव उर्फ बालमूरी नारायण राव (57 वर्ष), जो प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन का सीनियर कैडर और शीर्ष नेताओं का करीबी सहयोगी है, को कांकेर जिले के अंतागढ़ थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
प्रभाकर राव की भूमिका और गतिविधियां
प्रभाकर राव, जो मूल रूप से तेलंगाना के जगित्याल जिले के बीरपुर गांव का निवासी है, माओवादी संगठन में वर्ष 1984 में शामिल हुआ। चार दशकों से अधिक समय तक उसने विभिन्न क्षेत्रों में नक्सल गतिविधियों को अंजाम दिया।
प्रभाकर राव की संगठन में भूमिकाएं:
- 1984-1994: अविभाजित आंध्र प्रदेश में सक्रिय।
- 1995-1997: मध्य प्रदेश के बालाघाट क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों का संचालन।
- 1998-2005: उत्तर बस्तर और कोयलीबेड़ा क्षेत्र में कार्यरत।
- 2005-2007: DKSZC सप्लाई टीम और शहरी नेटवर्क का प्रभारी।
- 2007-2008: मानपुर-मोहला क्षेत्र में सक्रिय।
- 2008-2024: DKSZC सप्लाई और मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल (MOPOS) टीम का प्रभारी।
गिरफ्तारी की कार्रवाई
पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रभाकर राव की गतिविधियां हाल के दिनों में कांकेर जिले के अंतागढ़ थाना क्षेत्र में देखी जा रही थीं। इस सूचना के आधार पर 22 दिसंबर को पुलिस ने नाकाबंदी की और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने बताया कि बस्तर संभाग में नक्सल विरोधी अभियानों के तहत 2024 में अब तक 884 माओवादी कैडरों को गिरफ्तार किया गया है।
अभियान के लिए पुलिस टीम का योगदान
कांकेर रेंज के डीआईजी अमित तुकाराम कांबले और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कांकेर आई. के. ऐलेसेला के निर्देशन में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भानुप्रतापपुर संदीप पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंतागढ़ जयप्रकाश बढ़ई के पर्यवेक्षण में पुलिस ने यह सफलता हासिल की।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस का मानना है कि प्रभाकर राव की गिरफ्तारी से उत्तर बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगेगा।