रायगढ़ में बनेगा प्रदेश का सबसे बड़ा नालंदा परिसर
रायगढ़ अंचल के युवाओं को जल्द ही एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 3 दिसंबर को रायगढ़ में प्रदेश के सबसे बड़े नालंदा परिसर का भूमिपूजन करेंगे।
यह परिसर युवाओं के लिए शिक्षा और तकनीकी संसाधनों से सुसज्जित अत्याधुनिक केंद्र बनेगा।
मुख्यमंत्री ने दिया ज्ञान की महत्ता पर जोर
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि ज्ञान आधारित समाज में उज्ज्वल भविष्य की असीम संभावनाएं होती हैं। वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्तियों ने हमेशा ज्ञान को अपनी सफलता की नींव बनाया है। तकनीकी आधारित उद्यमिता से लेकर विभिन्न करियर विकल्पों में सफलता का आधार ज्ञान ही है। उन्होंने कहा कि अगर युवाओं को सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिलें, तो वे अपने भविष्य को एक मजबूत दिशा दे सकते हैं।
नालंदा परिसर: आधुनिक सुविधाओं से युक्त
वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने जानकारी दी कि रायगढ़ में बनने वाला नालंदा परिसर एक स्मार्ट लाइब्रेरी के रूप में विकसित होगा। इसमें निम्नलिखित सुविधाएं शामिल होंगी:
- हजारों किताबों का संग्रह: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ई-बुक्स की सुविधा।
- स्मार्ट लर्निंग: तकनीकी आधारित अध्ययन के लिए संसाधन।
- 24×7 वाईफाई और इंटरनेट: छात्रों को आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
- करियर गाइडेंस सेमिनार: सिविल सर्विसेज, मेडिकल, इंजीनियरिंग, क्लैट और मैथ्स ओलंपियाड जैसी परीक्षाओं की तैयारी।
- किड्स स्टडी जोन और किड्स लाइब्रेरी: कक्षा 5 के बाद नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल में प्रवेश की तैयारी के लिए।
- कैफेटेरिया और कॉन्फ्रेंस हॉल: अध्ययन के साथ-साथ आरामदायक माहौल।
42 करोड़ 56 लाख की लागत से होगा निर्माण
नालंदा परिसर रायगढ़ के मरीन ड्राइव क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसके निर्माण के लिए नगर निगम और एनटीपीसी के बीच 42.56 करोड़ रुपये का करार हुआ है। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और निर्माण जल्द ही शुरू होगा।
मुख्यमंत्री देंगे 135 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात
भूमिपूजन कार्यक्रम के साथ, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय रायगढ़ को 135 करोड़ 09 लाख रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे। इनमें:
- 97 करोड़ 51 लाख के 69 कार्यों का लोकार्पण।
- 37 करोड़ 58 लाख के 13 कार्यों का भूमिपूजन।
रायगढ़ का भविष्य
नालंदा परिसर का निर्माण युवाओं के ज्ञान और कौशल विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह परिसर न केवल रायगढ़ बल्कि पूरे प्रदेश के छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा।
रायगढ़ में यह नया अध्याय शिक्षा, तकनीकी और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे क्षेत्र के युवाओं के सपनों को नई ऊंचाई मिलेगी।