मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जशपुर और बस्तर में खुलेंगे 4 नए सरकारी कॉलेज
🌟 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जशपुर और बस्तर में खुलेंगे 4 नए सरकारी कॉलेज
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में 4 नए शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। जानिए कहाँ खुलेंगे ये कॉलेज और इससे कैसे बढ़ेगा युवाओं का शैक्षणिक विकास।

📘 उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के बजट में प्रावधानित 4 नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की है।
यह निर्णय प्रदेश में उच्च शिक्षा के प्रसार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
🏫 कहाँ खुलेंगे नए सरकारी कॉलेज?
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन महाविद्यालयों की स्थापना निम्न स्थानों पर की जाएगी:
- फरसाबहार (जिला – जशपुर)
- करडेगा (जिला – जशपुर)
- नगरनार (जिला – बस्तर)
- किलेपाल (जिला – बस्तर)
इन क्षेत्रों को विशेष रूप से इसलिए चुना गया है क्योंकि यह जनजाति बहुल एवं भौगोलिक रूप से दूरस्थ इलाके हैं, जहाँ उच्च शिक्षा की पहुंच सीमित थी।
🎓 स्थानीय छात्रों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब जशपुर और बस्तर के बेटों-बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए अपने घरों से दूर नहीं जाना पड़ेगा।
प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि हर विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उसके ही क्षेत्र में उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा —
“शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है। हमारी सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन और बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
🧑🏫 132 पदों की स्वीकृति और कक्षाओं की शुरुआत
इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) सृजित किए गए हैं।
स्वीकृत पदों में शामिल हैं:
- प्राचार्य
- सहायक प्राध्यापक
- ग्रंथपाल
- क्रीड़ाधिकारी
- सहायक ग्रेड-1
- प्रयोगशाला कर्मी आदि
राज्य शासन ने इन महाविद्यालयों में कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी प्रदान कर दी है।
🌱 शिक्षा के माध्यम से आदिवासी अंचलों का विकास
इस पहल से न केवल उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय युवाओं के रोजगार एवं कौशल विकास के अवसर भी बढ़ेंगे।
शिक्षा के माध्यम से प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को गति मिलेगी।
🔗 निष्कर्ष
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की यह पहल छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगी।
यह कदम न केवल आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं को सशक्त बनाएगा, बल्कि प्रदेश के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई दिशा देगा।



