जशपुर की बेटियों का क्रिकेट में परचम: आकांक्षा रानी की प्रेरक कहानी

भारत में क्रिकेट का जुनून न केवल देश के हर कोने में देखा जा सकता है, बल्कि यह जुनून अब छोटे शहरों और जिलों में भी गहराई से समाया हुआ है। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की बेटियों ने इस खेल में अपनी जगह बनाकर यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं होती। इस कड़ी में जशपुर की उभरती क्रिकेट स्टार आकांक्षा रानी का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है।

आकांक्षा रानी: पहाड़ी कोरवा समुदाय से राष्ट्रीय स्तर तक का सफर

आकांक्षा रानी, जो विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय से आती हैं, ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए क्रिकेट में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। पहले अंडर-15 बीसीसीआई ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने के बाद, अब वह अंडर-19 बीसीसीआई टी20 ट्रॉफी में खेलते हुए छत्तीसगढ़ की सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बन चुकी हैं।

आकांक्षा का यह सफर न केवल उनकी अपनी मेहनत का परिणाम है, बल्कि उनकी मां पंडरी बाई के समर्पण और समर्थन का भी जीवंत उदाहरण है। पंडरी बाई, जो जशपुर के प्री मैट्रिक बालिका छात्रावास इचकेला में अधीक्षिका के पद पर कार्यरत हैं, ने अपनी बेटी की रुचि को देखकर उसे उच्च स्तर की कोचिंग दिलवाई। आकांक्षा की उपलब्धियां अब जशपुर जिले की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।

छात्रावास से निकलीं नई प्रतिभाएं

पंडरी बाई ने अपनी बेटी की सफलता से प्रेरणा लेते हुए, अपने छात्रावास की अन्य बच्चियों के भीतर छुपी प्रतिभा को निखारने का फैसला किया। उन्होंने छात्रावास परिसर में ही एक अभ्यास पिच का निर्माण करवाया और बच्चियों के लिए क्रिकेट की सभी आवश्यक सामग्रियां भी मुहैया करवाईं। उनकी बेटी और उसके कोच की मदद से छात्रावास की बच्चियों की ट्रेनिंग शुरू की गई, जिसके परिणामस्वरूप जल्द ही बच्चियों की प्रतिभा सामने आने लगी।

इसी प्रयास का नतीजा है कि प्री मैट्रिक बालिका छात्रावास इचकेला की तीन बालिकाओं—एंजल लकड़ा, झुमुर तिर्की और वर्षा बाई—का चयन राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2024-25 में हुआ। इन्होंने महिला अंडर-17 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया और अब ये सभी राष्ट्रीय महिला अंडर-17 क्रिकेट टीम में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।

निष्कर्ष: जशपुर की बेटियों की उड़ान

आकांक्षा रानी और अन्य बेटियों की यह सफलता इस बात का प्रतीक है कि यदि सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो किसी भी क्षेत्र की प्रतिभा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकती है। जशपुर की बेटियों ने खेल जगत में जो परचम लहराया है, वह न केवल जिले के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह हर छोटे से छोटे गांव और कस्बे की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।