मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में एक महत्वपूर्ण एवं भावनात्मक निर्णय लिया गया है। राज्य के उन कलाकारों और साहित्यकारों, जो आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं, उनकी मासिक पेंशन को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है।

कलाकारों और साहित्यकारों को 5000 रुपये मासिक पेंशन – छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद का ऐतिहासिक निर्णय
🟢 मुख्यमंत्री श्री साय का कथन:
“कलाकार और साहित्यकार समाज की आत्मा हैं। यह निर्णय उनके प्रति राज्य की संवेदना और सम्मान का प्रतीक है।“
“यह बजट सत्र में की गई हमारी घोषणा का क्रियान्वयन है। हमारी सरकार हर वर्ग के सशक्तिकरण हेतु प्रतिबद्ध है।“
🔹 योजना का इतिहास:
- योजना: संस्कृति विभाग की वित्तीय सहायता योजना नियम-1986
- शुरुआत: 1986 में हुई, उस समय पेंशन ₹150 – ₹600 तक थी।
- 2007 में बढ़ाकर ₹1500 और 2012 में ₹2000 की गई।
- 12 वर्षों से कोई वृद्धि नहीं हुई थी।
🔹 वर्तमान लाभार्थी:
- कुल लाभार्थी: 162 कलाकार एवं साहित्यकार
- पहले वार्षिक पेंशन: ₹24,000
- अब वार्षिक पेंशन: ₹60,000
🔹 राज्य पर वित्तीय भार:
- पहले वार्षिक व्यय: ₹38.88 लाख
- अब संशोधित व्यय: ₹97.20 लाख
- अतिरिक्त व्यय भार: ₹58.32 लाख
🟢 मुख्यमंत्री ने कहा:
“जिन लोगों ने कला, साहित्य और संस्कृति की सेवा में जीवन समर्पित कर दिया, उनका आत्मसम्मान बनाए रखना राज्य सरकार का गौरवपूर्ण दायित्व है।“
“यह निर्णय न केवल आर्थिक सहायता देगा, बल्कि आत्मबल और सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रदान करेगा।“
✅ निष्कर्ष:
यह निर्णय संवेदनशील शासन, सांस्कृतिक सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है। इससे न केवल कलाकारों को आर्थिक सहारा मिलेगा, बल्कि उनकी सामाजिक पहचान और गरिमा को भी मजबूती मिलेगी।