दन्तेवाड़ा जिला के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

Important facts about Dantewada district

  • वर्तमान दंंतेवाड़ा जिला 1998 मे अस्थित्व मे आया ।
  • बस्तर क्षेत्र के दक्षिण भाग मे स्थित होने के कारण इस जिले का नाम दक्षिण बस्तर दंंतेवाड़ा रखा गया
  • सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रंथ रामायण के अनुसार भगवान श्री राम ने अपना वनवास का समय इस क्षेत्र मे व्यतीत किया ।
  • इस तरह यह क्षेत्र उन दिनों मे जो दण्डकारण्य कहा जाता था, श्री राम का कर्म भूमि रहा |
  • सिंधुघाटी (सिंधु नदी के तट) के रहवासियों का एक समूह आया. जब प्राग द्र्विड़ियों से 1500 ईसा पूर्व मे अलग हुआ . समूह के कुछ सदस्य बस्तर क्षेत्र पहुँच गए, जिनका जिक्र संंस्कृत साहित्य मे द्रविड़ बोलने वाले “नाग” के नाम से वर्णित है |
  • छिंदक नाग आधुनिक गोंड प्रजाति के पूर्वज है ऐसी मान्यता है |

विभिन्न राजवंशों / राज्यों के कार्यकाल मे दंंतेवाड़ा

स॰क्र राजवंश / राज्य अवधि
1 नल 350 – 760 ईसवींं
2 नाग 760 – 1324 ईसवींं
3 चालुक्य  1324 – 1777 ईसवींं
4 भोंसले 1777 – 1853 ईसवींं
5 ब्रिटीश  1853 – 1947 ईसवींं

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