छत्तीसगढ़ पीएससी टॉपर सुश्री आस्था शर्मा ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) परीक्षा 2023 में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली सुश्री आस्था शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आत्मीय मुलाकात कर अपनी सफलता की कहानी साझा की।
इस अवसर पर सुश्री आस्था ने मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और अभ्यर्थियों के लिए किए गए प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुखिया का स्वभाव और नेतृत्व की मिसाल
सुश्री आस्था ने तुलसीदास के प्रसिद्ध दोहे का उल्लेख करते हुए कहा,
“मुखिया मुख सो चाहिए, खान पान को एक,
पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस विचार को अपने नेतृत्व में पूरी तरह आत्मसात किया है। वे प्रदेश के सभी नागरिकों की समान रूप से चिंता करते हैं और हर वर्ग को प्रोत्साहित करते हैं।
पारदर्शिता ने बढ़ाया हौसला
सुश्री आस्था ने परीक्षा की प्रक्रिया को लेकर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से पीएससी परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर कई शंकाएं थीं, लेकिन इस बार पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रही। इससे अभ्यर्थियों का हौसला बढ़ा और उनमें प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति विश्वास पैदा हुआ।
सम्मान और प्रोत्साहन से बढ़ी प्रेरणा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुश्री आस्था शर्मा को उनकी उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने प्रदेश के बेटे-बेटियों से जो वादा किया था, उसे निभाया है। हमारी प्राथमिकता युवाओं को बेहतर अवसर और प्रोत्साहन प्रदान करना है।”
इस सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2023 के सभी टॉपर्स को अपने निवास पर आमंत्रित किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने प्रदेश के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता के लिए मेहनत और समर्पण जरूरी है।
सुश्री आस्था शर्मा का संदेश
सुश्री आस्था ने मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यह सफलता मुख्यमंत्री और प्रदेश के सकारात्मक वातावरण के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल उनका, बल्कि हर उस अभ्यर्थी का है जिसने चुनौतियों के बावजूद सफलता हासिल करने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री के प्रयास
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनने और उन्हें समान अवसर प्रदान करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सकारात्मक बदलाव आए हैं।
यह सम्मान समारोह प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक पहल थी, जो यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।