छात्राओं की बियर पार्टी ने शिक्षा जगत को झकझोर दिया: शाला प्रबंधन की लापरवाही पर उभरा सवाल

बिलासपुर जिले में छात्राओं की बियर पार्टी ने शिक्षा जगत को झकझोर दिया: शाला प्रबंधन की लापरवाही पर उभरा सवाल

बिलासपुर जिले के मस्तुरी क्षेत्र स्थित भटचौरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हाल ही में एक घटना ने शिक्षा जगत को शर्मिंदा कर दिया है। इस बार शिक्षकों के मदिरापान की खबरों से इतर, छात्राओं ने स्कूल परिसर में ही बर्थडे पार्टी के नाम पर बियर पार्टी का आयोजन किया। यह घटना तब सामने आई जब सोशल मीडिया पर पार्टी की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

मामले की शुरुवात और जांच

तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मस्तूरी विकास खंड के प्रभारी बीईओ शिवराम टंडन को 8 सितंबर को एक जनपद सदस्य द्वारा भेजी गईं। इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) टीआर साहू को सूचित किया। DEO ने तुरंत एक जांच टीम गठित कर मामले की जांच का निर्देश दिया। जांच के लिए एक टीम स्कूल पहुंची और प्राचार्य, शिक्षकों और छात्राओं के बयान लिए गए। जांच के दौरान सामने आया कि यह वाकया 29 जुलाई को घटित हुआ था।

पार्टी की तस्वीरों में बीयर और सिगरेट

वायरल तस्वीरों में बियर की बोतल के साथ कोल्ड्रिंक स्प्राइट की बोतल भी नजर आई। कुछ ग्लासों में ड्रिंक डाले हुए फोटोज और छात्राओं के ग्लास में भी ड्रिंक डालते हुए तस्वीरें दिखाईं। जांच समिति के सदस्य सहायक बीईओ आर पी एक्का और मल्हार विद्यालय की प्राचार्य रश्मि गुप्ता ने उस कमरे में भी सिगरेट पीते हुए छात्रों को देखा, जहां बियर पार्टी का आयोजन हुआ था। कमरे में बीड़ी और सिगरेट के टुकड़े भी पाए गए।

शाला प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल

बीईओ शिवराम टंडन ने कहा कि इस घटना से शाला प्रबंधन की लापरवाही उजागर होती है। विद्यालय परिसर में मादक पदार्थों का प्रतिबंध है, लेकिन बियर और सिगरेट कैसे पहुंचे, यह बड़ा सवाल है। प्राचार्य एलपी वारे उस समय छुट्टी पर थे और प्रभार व्याख्याता पटवर्धन के पास था। मामले की जानकारी मिलते ही प्राचार्य को सूचित किया गया, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

पालकों और शाला प्रबंधन समिति की नाराजगी

स्कूल पहुंचे शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों और पालकों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि अगर ऐसी घटनाएं जारी रहीं तो वे अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजेंगे। इस घटना ने विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी और छात्राओं की सुरक्षा के सवाल को एक बार फिर से उठाया है।

निष्कर्ष

यह घटना शिक्षा प्रणाली में सुरक्षा और अनुशासन की स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़ा करती है। शाला प्रबंधन की लापरवाही और प्राचार्य की निष्क्रियता ने इस गंभीर मुद्दे को और भी उजागर कर दिया है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों को सख्त उपाय करने होंगे और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित और अनुशासित वातावरण सुनिश्चित करना होगा

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