भारत सरकार द्वारा चिन्हित विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान योजना (पीएम जनमन) की शुरूआत की गई है।
प्रधानमंत्री जनमन (PM JANMAN) योजना: प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान योजना
पीएम जनमन योजना के तहत 9 केंद्रीय मंत्रालयों की मौजूदा योजनाओं के माध्यम से अगले 3 साल में 11 गतिविधियों के अंतर्गत उनका सामाजिक-आर्थिक उत्थान किया जाना है।
इस कार्ययोजना में पक्के मकान, संपर्क मार्ग, स्वच्छ जल, मोबाइल-चिकित्सा, छात्रावास निर्माण, आंगनबाड़ी निर्माण, वन धन केंद्र की स्थापना, बहुद्देशिय केन्द्र निर्माण, विद्युतीकरण प्रकाश व्यवस्था ग्रिड प्रणाली,मोबाइल टावर की स्थापना,कौशल विकास को सम्मिलित किया गया है,इसके अतिरिक्त शत प्रतिशत आधार कार्ड, उज्जवला योजना, आयुष्मान कार्ड, जॉब कार्ड, जन-धन खाता, पीएम विश्वकर्मा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, मातृ वंदना योजना, सुरक्षित मातृ अभियान, राष्ट्रीय डायलिसिस, सिकलसेल रोग उन्मूलन, किसान सम्मान निधि,किसान क्रेडिट कार्ड, जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री सामाजिक सुरक्षा बीमा पेंशन का भी लाभ दिया जाना है।
जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा देश के पीवीटीजी समुदायों के 100 जिलों में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सोमवार 15 जनवरी को वर्चुअल के माध्यम से पीएम जनमन के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे।
2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी 10.45 करोड़ है, जिसमें 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में पहचाना गया है। ये पीवीटीजी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में कमजोरियों से जूझ रहे हैं।
2023-24 के बजट भाषण में, यह घोषणा की गई थी कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बढ़ाने के लिए एक प्रधान मंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, साथ ही बढ़ी हुई सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और पीवीटीजी के घरों और आवासों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है। इस मिशन को लागू करने के लिए अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत अगले तीन वर्षों के लिए 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
व्यापक आईईसी अभियान शुरू में 100 जिलों में शुरू हुआ है, जिसमें 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लगभग 500 ब्लॉक और 15,000 पीवीटीजी बस्तियों को शामिल किया गया है। दूसरे चरण में, यह शेष जिलों को कवर करेगा।
यह अभियान एक प्रयास है जिसका उद्देश्य इन जनजातीय समुदायों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करके पीवीटीजी परिवारों को व्यक्तिगत अधिकारों और बस्तियों को बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त करना है। अभियान अवधि के दौरान, आधार कार्ड , सामुदायिक प्रमाणपत्र और जन धन खाते प्रदान किए जाएंगे क्योंकि ये अन्य योजनाओं जैसे आयुष्मान कार्ड , पीएम किसान सम्मान निधि , किसान क्रेडिट कार्ड आदि जारी करने के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं।
यह पहल प्रत्येक पीवीटीजी परिवार को कवर करना सुनिश्चित करेगी जो दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण पहुंच से बाहर है और उनके दरवाजे पर सुविधाएं प्रदान करेगा। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सीएससी, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा।