
रामनवमी से प्रारंभ होने वाले डभरा चंदरपुर का मेला
रामनवमी से प्रारंभ होने वाले डभरा चंदरपुर का मेला दिन की गरमी में ठंडा पड़ा रहता है लेकिन जैसे-जैसे शाम ढलती है, लोगों का आना शुरू होता है और गहराती रात के साथ यह मेला अपने पूरे शबाब पर आ…
रामनवमी से प्रारंभ होने वाले डभरा चंदरपुर का मेला दिन की गरमी में ठंडा पड़ा रहता है लेकिन जैसे-जैसे शाम ढलती है, लोगों का आना शुरू होता है और गहराती रात के साथ यह मेला अपने पूरे शबाब पर आ…
राजिम छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का “प्रयाग” भी कहते हैं। यहाँ के प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर में भगवान विष्णु प्रतिष्ठित हैं। प्रतिवर्ष यहाँ पर माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक एक विशाल मेला…
बस्तर के मड़ई मेले को जानने से पहले जानते हैं मेला और मड़ई के बारे में . मेला और मड़ई दोनों का प्रयोजन धार्मिक होता है, किन्तु मेला स्थिर-स्थायी देव स्थलों में भरता है, जबकि मड़ई में निर्धारित देव स्थान…
इस पोस्ट में आप गाँधीजी का छत्तीसगढ़ आगमन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे यदि कहीं पर आपको त्रुटिपूर्ण लगे तो कृपया पोस्ट के नीचे कमेंट बॉक्स पर लिखकर हमें सूचित करने की कृपा करें गाँधीजी का प्रथम छत्तीसगढ़ आगमन…
छत्तीसगढ़ी भाषा पर गोडी, उड़िया ,मराठी के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में बोले जाने वाली विभिन्न आदिवासियों की बोलियों का प्रभाव पड़ा. लगभग 1000 से छत्तीसगढ़ी भाषा में साहित्य सृजन की परंपरा शुरू हो चुकी थी .जिसे डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा ने…
इस पोस्ट में हम छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे यदि कहीं पर आपको त्रुटिपूर्ण लगे तो कृपया पोस्ट के नीचे कमेंट बॉक्स पर लिखकर हमें सूचित करने की कृपा करें छत्तीसगढ़ राज्य गठन छत्तीसगढ़ राज्य की…
यहाँ आपको छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य बताने जा रहे हैं . यह शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत के कारण छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है| आजादी के पूर्व रायगढ़ राज्य में अंग्रेजो का…
इस पोस्ट में आप छत्तीसगढ़ पुरस्कार और सम्मान के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे यदि कहीं पर आपको त्रुटिपूर्ण लगे तो कृपया पोस्ट के नीचे कमेंट बॉक्स पर लिखकर हमें सूचित करने की कृपा करें छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में…
3 अगस्त 1934 को ओडिशा के खोरधा जिले के बानपुर में जन्मे श्री विश्वभूषण हरिचंदन आज छत्तीसगढ़ के राज्यपाल हैं . आपके पिता स्वर्गीय श्री परशुराम हरिचंदन। वे एक साहित्यकार, नाटककार और स्वतंत्रता सेनानी थे। स्वतंत्रता के बाद वे अविभाजित…
सतनाम पंथ संस्थापक गुरु घासीदास गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसम्बर सन् 1756 ई. को गिरौदपुरी में हुआ था। यह गाँव वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार जिले में स्थित है। उनके पिताजी का नाम महंगूदास तथा माताजी का नाम अमरौतिन था। संत…