छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक पर्व और आदिवासी त्यौहार
छत्तीसगढ़ न केवल प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, बल्कि यह अपनी लोक संस्कृति और त्योहारों की विविधता के लिए भी जाना जाता है। यहाँ के त्योहार सिर्फ धार्मिक नहीं होते, बल्कि सामाजिक, कृषि आधारित और प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली का उत्सव होते हैं।
🌾 छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक पर्व और आदिवासी त्यौहार
🟩 1. हरेली (सावन अमावस्या)
- मानसून के आगमन का पहला त्योहार।
- किसान खेतों के औजारों, बैलों और नीम की पत्तियों की पूजा करते हैं।
- दरवाजों पर नीम की टहनियाँ लटकाना बुरी शक्तियों से रक्षा का प्रतीक है।
🛕 2. मदाई (जनवरी–मार्च में विभिन्न गांवों में)
- गोंड आदिवासियों का महत्वपूर्ण धार्मिक मेला।
- देवी की पूजा, बकरी की बलि और रात्रि में नृत्य–संगीत।
- रिश्तेदारों से मिलने और सालभर की जरूरतों की खरीदारी का अवसर।
💃 3. भगोरिया
- होली से एक सप्ताह पहले मनाया जाता है।
- प्रेमियों को सामाजिक स्वीकृति देने वाला त्योहार।
- भील समुदाय द्वारा मनाया जाता है, विशेषकर झाबुआ ज़िले में।
🐂 4. पोला (भादो अमावस्या)
- बैलों की पूजा का पर्व।
- बच्चे मिट्टी के बैल लेकर खेलते हैं।
- बैल दौड़ और शोभायात्रा आयोजित की जाती है।
🔱 5. बस्तर दशहरा (क्वांर शुक्ल प्रतिपदा से दशमी तक)
- विश्व का सबसे लंबा दशहरा पर्व (75 दिन तक चलता है)।
- माँ दंतेश्वरी की पूजा और राज परिवार की परंपराएँ।
- जगदलपुर दशहरा के लिए प्रसिद्ध केंद्र।
🌾 6. चरता
- सामूहिक फसल उत्सव।
- बच्चे चावल इकट्ठा करते हैं, महिलाएँ भोजन बनाती हैं।
- सामूहिक नृत्य, गायन और भोज होता है।
🌾 7. नवाखाना
- नई फसल (धान) के स्वागत का पर्व।
- देवताओं को नई फसल का पहला अंश अर्पित किया जाता है।
- गोंड आदिवासी इस दिन नृत्य, शराब और भोज का आयोजन करते हैं।
🌼 8. सुरहुल
- धरती माता की पूजा के लिए समर्पित।
- साल वृक्ष के फूलों के खिलने पर मनाया जाता है।
- एक दिन के लिए खेतों को नहीं छुआ जाता।
🌍 9. माटी पूजा
- पृथ्वी की उर्वरता के लिए पूजा।
- बस्तर के आदिवासी समुदाय इस दिन फसल की भरपूरता की प्रार्थना करते हैं।
🍃 10. चैतराई
- गोंड जनजाति का प्रमुख पर्व।
- देवताओं को शराब और सूअर का बलिदान अर्पित किया जाता है।
- इसके बाद नृत्य, गीत और लोककथाओं का आयोजन।
🌾 11. कजरी (श्रावण पूर्णिमा / रक्षाबंधन)
- किसानों का पर्व, अच्छी बारिश और फसल की कामना।
- महिलाएँ कजरी गीत गाती हैं और पूजा करती हैं।
🛕 12. गोवर्धन पूजा / अन्नकूट
- गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है।
- प्रसाद में मिठाई और भोग चढ़ाया जाता है।
- सामूहिक भोज और अनगिनत पकवानों का पहाड़ बनाया जाता है।
🏔️ 13. कोरबा महोत्सव (मई माह)
- कोरबा जिला प्रशासन और जनजातीय समाज द्वारा आयोजित।
- कोरवा जनजाति इस उत्सव में धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भाग लेती है।
🌟 त्योहारों की विशेषता:
- 🌿 प्रकृति से गहरा संबंध (जैसे माटी पूजा, नवाखाना, सुरहुल)
- 👨🌾 कृषि चक्र के अनुरूप (हरेली, पोला, कजरी, चरता)
- 🎭 सामूहिक भागीदारी और लोक रंग (दशहरा, मदाई, भगोरिया)
- 🧡 समाज को जोड़ने वाली परंपराएँ
📌 निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ के पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि संस्कृति, सामूहिकता, कृषि और आदिवासी चेतना के प्रतीक हैं। इन त्योहारों को जानना और मनाना हमारी लोक परंपरा की रक्षा करना है। भारत की संस्कृति को समझने के लिए छत्तीसगढ़ के इन त्योहारों की यात्रा अनिवार्य है।