सुकमा ज़िला भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय सुकमा है। यह राज्य के बस्तर संभाग में एक जिला है। इसकी स्थापना 15 अगस्त 2011 को मुख्यमंत्री रमन सिंह ने की थी। यह जगदलपुर के राष्ट्रीय राजमार्ग 221 से जुड़ा हुआ है
1 जनवरी 2012 को दंतेवाड़ा जिला से अलग होकर सुकमा जिले का गठन हुआ। सुकमा जिले में 3 तहसील/विकासखण्ड हैं। यह ज़िला नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहा है।
सुकमा छत्तीसगढ़ की ओड़िसा से लगी सीमा के समीप है। सीमा के पार ओड़िशा का मल्कानगिरि ज़िला है। सुकमा नगर शाबरी नदी के किनारे बसा हुआ है, जो गोदावरी नदी की एक उपनदी है।
तुंगल बांध
इस बांध को ईको पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया गया।जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 3 किमी दूर स्थित है । इस ईको पर्यटन केन्द्र में जिला प्रशासन व वन विभाग के द्वारा आधार मूलभूत संरचना का निर्माण, बांध में नौका विहार के लिए मोटर बोट, पायडल बोट की व्यवस्था, पहुंच मार्ग का निर्माण तथा हट स्थल का निर्माण किया गया।
2 अक्टूबर 2015 को प्रदेश के वनमंत्री के द्वारा तुगंल बांध ईको पर्यटन केन्द्र का उद्घाटन किया गया। इस ईको पर्यटन केन्द्र में विभिन्न गतिविधियों- मोटर संचालन, नाका का संचालन, ईमू पक्षियों की देख-रेख आदि के लिए नजदीकी गांव तुगंल के युवाओं को प्रेरित किया गया। जिसमें 21 युवाओं ने सहमति दी, वन विभाग द्वारा स्व-सहायता समूह मुरतोण्डा वन परिक्षेत्र सुकमा के नाम पर समूह का पंजीयन किया ।
दुधमा पर्यटक स्थल
दुधमा पर्यटक स्थल सुकमा के पास सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दर्शनीय स्थलों के साथ पर्यटन को आकर्षित करता है।जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 28 किमी दूर स्थित है।
दोरनापाल पुल
जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 37 KM दूर स्थित है। यह छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के सुकमा के एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क पुल है। इस पुल निर्माण से पहले, लोगों को ओडिशा जाने के लिए 140 KM की यात्रा करनी पड़ती है, अब इसमें केवल 3 KM लगते हैं।