छत्तीसगढ़ की राज्य प्रतीक
राज्य का प्रतीक चिन्ह :-
36 किलों (गढ़ों ) के बीच सुरक्षित , विकास की अदम्य आकांक्षा को दर्शाता गोलाकार चिन्ह , जिसके मध्य में भारत का प्रतीक अशोक स्तम्भ जिसमें दृश्यमान तीन शेर, आदर्श वाक्य – सत्य मेव जयते .
राज्य की प्रमुख फसल धान की बालियां ,
भरपूर उर्जा के प्रतीकों के बीच
राष्ट्र ध्वज के तीन रंगों से छत्तीसगढ़ की नदियों को रेखांकित करती लहरें है .

राजकीय पक्षी :-
राज्य का राजकीय पक्षी बस्तर की पहाड़ी मैना को घोषित किया गया है , कांगेर घाटी राष्ट्रिय उद्यान में पहाड़ी मैना को संरक्षित किया गया है .
पहाड़ी मैना मुख्य रूप से दंतेवाडा, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, जगदलपुर, आदि वन क्षेत्र में पाया जाता है .

राजकीय पशु :-
प्रदेश का राजकीय पशु वनभैसा (wild buffalo) है .
छत्तीसगढ़ के दुर्लभ एवं संकटग्रस्त वन्य जीवों में वन भैसा प्रमुख है , वर्तमान में वनभैसा छत्तीसगढ़ के उदंती अभ्यारण , पामेड अभ्यारण एवं इन्द्रावती राष्ट्रिय उद्यान में सिमित है .
बायसन के विपरीत वनभैसा खेतों में प्रवेश कर जातें है .
हर्ष के दरबारी कवि बाण भट ने बांधवगढ़ से बस्तर तक क्षेत्र का विषद वर्णन संस्कृत में लिखे अपने ग्रन्थ कादंबरी में किया गया है.

राजकीय वृक्ष :-
छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष साल (Shorea robusta) है।
साल एक महत्वपूर्ण वृक्ष है जो छत्तीसगढ़ के वनों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह अपनी मजबूत लकड़ी और पर्यावरणीय महत्व के लिए जाना जाता है।
