रिश्वत लेते पकड़ा गया रेलवे अधिकारी 4 साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना

रेलवे के रिश्वतखोर अफसर को 4 साल की सजा:क्लर्क से एरियर्स भुगतान के लिए मांगे थे 28 हजार रुपए, रकम लेते CBI ने किया था गिरफ्तार

विशेष सीबीआई अदालत ने बिलासपुर रेल मंडल के एक सदस्य को 4 साल कैद और 10 हजार रु. की सजा सुनाई है। प्रमोद कुमार सीनियर डी.सी.बी. ऑफिस में डिप्टी के पद पर थे। सीबीआई ने 2017 में जूनियर क्लर्क से 28 हजार रुपये की गिरफ्तारी की थी. 6 साल तक प्लास्टिक के पेस्ट के बाद अब गोंद को सजा मिली है।

असल में, रेलवे में जूनियर क्लर्क के पद पर मखमली मुकेश कुमार ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए एरियर्स के लिए भुगतान के लिए आवेदन किया था। सीनियर डी.डी.सी. ऑफिस के उपाध्यक्ष रह रहे रामराम कुमार ने फाइल अटका दी। एरीयर्स के सोने के सिक्के में 30 हजार रुपये की लूट की गई।

 CBI में शिकायत

क्लर्क मुकेश कुमार ने रिश्वत मांग रहे अफसर के खिलाफ CBI में शिकायत की जिसके बाद CBI की टीम ने कार्यालय अधीक्षक को रंगे हाथों पकड़ने के लिए योजना बनाई मुकेश कुमार को कहा गया की वे रिश्वत देने के लिए तैयार हो जाये लेकिन 30 हज़ार के स्थान पर 28 हज़ार देने का सौदा तय हुआ

रुपए लेते हुई थी गिरफ्तारी

CBI की टीम के द्वारा 21 फरवरी 2017 को क्लर्क को पैसे देकर कार्यालय अधीक्षक से बात कराई गई । अधीक्षक प्रमोद कुमार ने पैसे लेकर रेलवे स्टेशन के सामने सिटी बस स्टॉप के पास अधिकारी को बुलाया, पीछे में CBI की टीम थी ,जैसे ही पैसे का लेन देन हुआ वैसे ही अधिकारी को उसे रंगे हाथ धर लिया।  पुष्टि होने के बाद CBI ने आरोपी अफसर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था।

कोर्ट का फैसला

गिरफ्तार कर रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था, 17 गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद , CBI ने जून 2017 में आरोपी प्रमोद कुमार के खिलाफ चालान पेश किया ।

CBI की स्पेशल कोर्ट की न्यायाधीश ममता पटेल ने आरोपी प्रमोद कुमार को दोषी पाते हुए चार साल कैद के साथ ही 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

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