मध्यकालीन छत्तीसगढ़ का इतिहास

छत्तीसगढ़ का मध्यकालीन इतिहास 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी तक फैला हुआ है, जिसमें अनेक शक्तिशाली राजवंशों ने यहाँ शासन किया। इन राजाओं ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था चलाई, बल्कि संस्कृति, मंदिर निर्माण, और कला को भी संरक्षण दिया। इस युग में छत्तीसगढ़ का क्षेत्र ‘दक्षिण कोशल’ के नाम से जाना जाता था।


🛕 1. कलचुरी वंश (रतनपुर और रायपुर)

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  • शासन काल: 9वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक
  • राजधानी: रतनपुर (प्रारंभिक), बाद में रायपुर
  • प्रसिद्ध राजा: कोकल्लदेव प्रथम, पृथ्वीदेव द्वितीय, राजसिंह
  • योगदान:
    • मंदिर निर्माण (विशेषतः शिव मंदिर)
    • तालाब, कुंए और बावड़ी निर्माण
    • संस्कृत और प्राकृत साहित्य का संरक्षण
  • कलचुरियों ने लगभग 900 वर्षों तक शासन किया, जिससे यह छत्तीसगढ़ का सबसे स्थायी राजवंश बना।

🐍 2. फणिनाग वंश (कवर्धा)

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  • स्थान: वर्तमान कवर्धा (कबीरधाम) क्षेत्र
  • प्रसिद्ध शासक: चंद्रहास
  • विशेषता:
    • यह वंश नागों की पूजा करता था।
    • क्षेत्र में ‘सर्प संस्कृति’ के प्रतीक मंदिर एवं शिलालेख पाए गए हैं।
    • स्थापत्य कला और सुरक्षा व्यवस्था विकसित थी।

🌙 3. सोम वंश (कांकेर)

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  • राजधानी: कांकेर
  • समय: 14वीं से 20वीं शताब्दी
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • सोम वंश चंद्रवंशी परंपरा से संबंधित था।
    • कांकेर राजवंश की वंशावली आज भी उपलब्ध है।
    • अंग्रेजों के काल में यह एक रियासत बन गई थी, लेकिन राजवंश बना रहा।

🐉 4. छिंदक नागवंश (बस्तर)

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  • काल: लगभग 9वीं–12वीं शताब्दी
  • राजधानी: दंतेवाड़ा और बाद में बस्तर
  • विशेषता:
    • दंतेश्वरी मंदिर की स्थापना
    • नाग पूजन और आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा
    • इस वंश के शासक शक्तिशाली योद्धा और धर्मपरायण थे।

⚔️ 5. काकतीय वंश (बस्तर)

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  • स्थान: दक्षिण भारत से आए काकतीय राजा
  • प्रसिद्ध राजा: अन्नम देव (प्रथम काकतीय शासक)
  • योगदान:
    • 14वीं शताब्दी में बस्तर क्षेत्र में काकतीय वंश की स्थापना
    • कला, प्रशासन, मंदिर और सामाजिक व्यवस्था में सुधार
    • जगदलपुर को राजधानी बनाया गया।

🔍 निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ का मध्यकालीन इतिहास न केवल राजनैतिक घटनाओं से भरा है, बल्कि यह एक संस्कृति, स्थापत्य, धर्म और प्रशासन के विकास की यात्रा है। कलचुरी वंश की दीर्घकालिक सत्ता, बस्तर के नागवंश की सांस्कृतिक पहचान, और काकतीय शासकों की दक्षता — ये सभी छत्तीसगढ़ को एक ऐतिहासिक धरोहर बनाते हैं