प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट ने ₹24,634 करोड़ की चार रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी – गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन से छत्तीसगढ़ को मिलेगा बड़ा लाभ

छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और व्यापारिक विकास को नई दिशा
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने रेल मंत्रालय की ₹24,634 करोड़ की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
इनमें ₹2,223 करोड़ लागत की गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन परियोजना भी शामिल है, जो प्रदेश के पश्चिमी अंचल के औद्योगिक और व्यापारिक विकास में नई ऊर्जा भरेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जताया आभार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस ऐतिहासिक स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का हृदय से आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व और “डबल इंजन सरकार” के समर्पित प्रयासों से छत्तीसगढ़ विकास की पटरी पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करेगा। मोदी सरकार के प्रयासों से देश का रेल नेटवर्क अब आधुनिकता, गति और जनसुविधा के नए युग में प्रवेश कर चुका है।
परियोजना के प्रमुख तथ्य
- कुल लंबाई: 84 किलोमीटर
- जिले: राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) और गोंदिया (महाराष्ट्र)
- लागत: ₹2,223 करोड़
- पूर्णता लक्ष्य: 5 वर्ष
- संरचना:
- 15 प्रमुख पुल
- 123 लघु पुल
- 1 सुरंग
- 3 रोड ओवर ब्रिज (ROB)
- 22 रोड अंडर ब्रिज (RUB)
आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
- प्रतिवर्ष 30.6 मिलियन टन अतिरिक्त माल परिवहन की क्षमता
- रेलवे की आमदनी में वृद्धि
- लगभग 23 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी
- 4.6 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत
- ₹514 करोड़ लॉजिस्टिक लागत में कमी
- यह पर्यावरणीय रूप से हर वर्ष 1 करोड़ पेड़ों के बराबर कार्बन उत्सर्जन कमी के समान है।
कोयला परिवहन और औद्योगिक लाभ
नई रेल लाइन से रायगढ़, मांड, कोरबा और इब घाटी की खदानों से कोयला परिवहन में तेजी आएगी। इससे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के थर्मल पावर प्लांट्स को नियमित आपूर्ति मिलेगी।
यह प्रदेश की खनिज अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक तंत्र को सुदृढ़ बनाएगा।
विकसित छत्तीसगढ़ 2047 की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन परियोजना प्रदेश के लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा, औद्योगिक प्रगति और पर्यावरणीय संतुलन प्रदान करेगी।
यह परियोजना “विकसित छत्तीसगढ़ 2047” के लक्ष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।