छत्तीसगढ़ राजकीय गीत के रूप ”अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार” को घोषित किया गया है। इसकी घोषणा 3 नवंबर 2019 को की गई थी, अधिकृत अधिसूचना 18 नवंबर 2019 को जारी की गई । इस गीत के रचियता डॉ. नरेंद्र वर्मा हैं।
छत्तीसगढ़ राजकीय गीत : जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया गीत
अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार
इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बनय तोर नैना
सोनहा धाने के अंग, लुगरा हरियर हे रंग
तोर बोली हावय सुग्घर मैना
अंचरा तोर डोलावय पुरवईया
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
रयगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां
रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय
दुरूग बस्तर सोहय पैजनियाँ
नांदगांव नवा करधनिया
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
छत्तीसगढ़ का राज्य गीत
- छत्तीसगढ़ राज्य-गीत का मानकीकरण स्वरूप-2.23 MB
- ‘अरपा पैरी के धार, महानदी के अपार’_’राज्य-गीत का मानकीकरण ऑडियो फाइल “-2.23 MB
छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत में कितने नदियों का वर्णन है ?
छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत में 4 नदियों का वर्णन है – अरपा, पैरी, महानदी, इंद्रावती.
छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत में कितने जिलों का उल्लेख है ?
छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत में 7 जिलों का उल्लेख है -सरगुजा, रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर, राजनांदगाव, दुर्ग एवं बस्तर।