छत्तीसगढ़ में धान खरीदी हेतु एग्रीस्टैक पोर्टल पर किसान पंजीयन अनिवार्य — 31 अक्टूबर तक करें रजिस्ट्रेशन
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए छत्तीसगढ़ के किसानों को एग्रीस्टैक पोर्टल पर आधार-आधारित पंजीयन करना अनिवार्य किया गया है। 31 अक्टूबर 2025 तक रजिस्ट्रेशन करें और यूनिक फार्मर आईडी प्राप्त करें।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों का एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है।
किसान www.agristack.gov.in या अपने निकटतम सहकारी समिति/पंजीयन केंद्र में जाकर 31 अक्टूबर 2025 तक पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण या सहायता से संबंधित जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 जारी किया गया है।
🌾 क्या है एग्रीस्टैक पोर्टल?
एग्रीस्टैक (Agristack) भारत सरकार द्वारा विकसित एक एकीकृत कृषि डेटाबेस है, जिसमें किसानों की भूमि और आधार लिंक्ड जानकारी सुरक्षित रूप से दर्ज की जाती है।
पंजीकरण के बाद किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) प्राप्त होती है। यह आईडी भविष्य में शासन की सभी योजनाओं के लाभ को सटीक पात्र किसानों तक पहुँचाने में मदद करेगी।
💰 किसानों को सीधे भुगतान की सुविधा
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के तहत किसानों को सीधे बैंक खाते में भुगतान किया जाता है।
एग्रीस्टैक पोर्टल के माध्यम से ई-केवाईसी और आधार सत्यापन की प्रक्रिया से प्रणाली अधिक पारदर्शी, सटीक और उत्तरदायी बनेगी।
📊 अब तक कितने किसानों ने कराया पंजीयन?
गत वर्ष राज्य के 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था, जबकि वर्तमान वर्ष में 21.47 लाख किसानों ने पहले ही एग्रीस्टैक पर पंजीयन कर लिया है।
शेष किसानों से आग्रह है कि वे 31 अक्टूबर 2025 से पहले रजिस्ट्रेशन पूर्ण कर लें।
🛰️ डिजिटल सर्वे और ग्राम सभाएँ
राज्य के 20 हजार ग्रामों में से 13,879 ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे पूरा कर लिया गया है।
इन सर्वे रिपोर्टों का 2 से 14 अक्टूबर 2025 तक ग्राम सभाओं में पठन और प्रदर्शन किया जा रहा है। पंचायत भवनों में सूचियाँ चस्पा की गई हैं ताकि हर किसान अपनी जानकारी सत्यापित कर सके।
👁️🗨️ निगरानी और पारदर्शिता
इस पूरी प्रक्रिया की सतत निगरानी जिला कलेक्टरों, खाद्य अधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
राज्य सरकार ने कहा है कि यह कदम “डिजिटल एग्रीकल्चर और गुड गवर्नेंस” की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
📌 निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार का एग्रीस्टैक पोर्टल न केवल धान खरीदी प्रणाली को डिजिटल बनाएगा, बल्कि किसानों को शासन की सभी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता और सटीकता के साथ प्राप्त करने में मदद करेगा।
👉 किसान भाइयों से अपील है कि वे जल्द से जल्द अपना एग्रीस्टैक पंजीयन पूरा करें और यूनिक फार्मर आईडी प्राप्त करें।