🌿 धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
भारत सरकार की दूरदर्शी सोच और समावेशी विकास की अवधारणा को साकार करने हेतु “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” की शुरुआत की गई है। 17 जून से 30 जून 2025 तक चलने वाले इस अभियान का आयोजन मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ जिला कलेक्टर श्री डी. राहुल वेंकट के निर्देशन में हुआ।

🎯 अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मूल उद्देश्य जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से सीधे जोड़ना है, ताकि उनका समावेशी, समग्र एवं सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके। यह पहल न केवल सेवा प्रदायगी की पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
🗺️ अभियान की संरचना
जिले के तीनों विकासखंड –
- मनेन्द्रगढ़
- खडगवां
- भरतपुर
को 151 चिन्हित जनजातीय ग्रामों के क्लस्टर में विभाजित कर गांव-गांव जाकर विकास शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
✅ प्रथम दिवस की गतिविधियां:
- मनेन्द्रगढ़ विकासखंड: ग्राम पंचायत डुगला
- खडगवां विकासखंड: ग्राम पंचायत बोड़ेमुड़ा
👉 इन शिविरों में ग्रामवासियों की उत्साहजनक भागीदारी देखी गई, जिससे सरकार और समुदाय के बीच सकारात्मक संवाद और सहभागिता का वातावरण बना।
🛠️ उपलब्ध सेवाएं एवं योजनाएं
शिविरों में केंद्र सरकार के 17 मंत्रालयों की 25 प्रमुख योजनाओं की जानकारी एवं सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं:
योजनाएं | उद्देश्य |
---|---|
आधार कार्ड, राशन कार्ड | पहचान एवं खाद्य सुरक्षा |
जाति एवं निवास प्रमाण पत्र | दस्तावेजीय सुविधा |
आयुष्मान भारत योजना | नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा |
पीएम किसान सम्मान निधि | किसानों को आर्थिक सहायता |
किसान क्रेडिट कार्ड | कृषि कार्यों हेतु ऋण |
प्रधानमंत्री जनधन योजना | बैंकिंग समावेशन |
वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग पेंशन | सामाजिक सुरक्षा |
नरेगा जॉब कार्ड | रोजगार गारंटी |
पीएम विश्वकर्मा योजना | पारंपरिक कौशल विकास |
मुद्रा लोन | स्वरोजगार को बढ़ावा |
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा | पोषण एवं स्वास्थ्य |
✅ पात्र लाभार्थियों को स्थल पर ही लाभ प्रदान किया जा रहा है।
🧩 अभियान की विशेषताएं
- सतत निगरानी: जिला प्रशासन द्वारा योजनाओं की निगरानी ताकि पारदर्शी एवं समयबद्ध लाभ सुनिश्चित हो।
- बहु-विभागीय सहभागिता: शिविरों में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि एवं फील्ड कर्मचारी सक्रिय।
- जन सहभागिता: ग्रामीणों की उत्साही भागीदारी से सरकार और समाज के बीच विश्वास की डोर मजबूत हुई है।
🌱 शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका व बुनियादी सुविधा पर विशेष फोकस
अभियान का फोकस जनजातीय क्षेत्रों को केवल योजनाओं से जोड़ना नहीं, बल्कि उन्हें शिक्षित, स्वस्थ, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। यह अभियान जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने का माध्यम बन रहा है।
🔍 निष्कर्ष
“धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन है, जो विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करने का कार्य कर रहा है।
यह अभियान आने वाले समय में जनजातीय भारत के नवोदय का प्रतीक बन सकता है।