छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड – नवीन अध्यक्ष श्री विकास मरकाम का पदभार ग्रहण
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा परंपरागत वनौषधियों और आदिवासी स्वास्थ्य परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन हेतु गठित छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड एक महत्वपूर्ण संस्था है। हाल ही में इस बोर्ड के नव नियुक्त अध्यक्ष श्री विकास मरकाम ने रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में पदभार ग्रहण किया।
🔹 समारोह की मुख्य बातें:
✅ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति:
- श्री साय ने श्री मरकाम को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी।
- उन्होंने बताया कि बस्तर और सरगुजा संभाग में औषधीय पौधों के रोपण एवं जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
- बैगा-गुनिया और वैद्यों की पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
✅ स्वास्थ्य परंपरा और औषधि पादप का महत्व:
- छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाई जाने वाली औषधीय वनस्पतियां अत्यंत लाभकारी हैं।
- इनका रोपण न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बल्कि आजीविका के लिए भी सहायक है।
✅ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य:
- यह बोर्ड पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में गठित हुआ था।
- पद्मश्री सम्मान से सम्मानित वैद्य हेमंचद मांझी का उल्लेख, जो अबूझमाड़, ओरछा के निवासी हैं।
🔹 अन्य प्रमुख वक्तव्य:
✅ आदिम जाति विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम:
- वैद्यों के ज्ञान और अनुभव का डाटाबेस तैयार करने की जरूरत बताई।
- पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान का वैज्ञानिक पद्धति से संकलन आवश्यक।
✅ वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप:
- छत्तीसगढ़ को “ऑक्सीजन ज़ोन” की संज्ञा दी।
- वनोपज खरीदी में सरकार की नीतियों जैसे:
- ₹5500 प्रति मानक बोरा (तेंदूपत्ता)
- 67 प्रकार की लघु वनोपज की खरीदी
🔹 समारोह में उपस्थिति:
- लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल
- राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह
- विधायकगण: राजेश मूणत, मोतीलाल साहू, गजेंद्र यादव, नीलकंठ टेकाम, प्रणव मरपच्ची
- वैद्य, आयुर्वेदाचार्य, गणमान्य नागरिक, मंडल एवं आयोग के अध्यक्ष, बोर्ड अधिकारी
📌 छत्तीसगढ़ GK के लिए मुख्य बिंदु (One Liner Facts):
बिंदु | जानकारी |
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कार्यक्रम का स्थान | पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर |
बोर्ड का नाम | छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड |
नव नियुक्त अध्यक्ष | श्री विकास मरकाम |
गठन कब हुआ | डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में |
परंपरागत वैद्य को पद्मश्री | श्री हेमंचद मांझी, अबूझमाड़ |
औषधीय पौधों का मुख्य क्षेत्र | बस्तर एवं सरगुजा संभाग |
खरीदी जाने वाली वनोपज | 67 प्रकार की वनोपज |
तेंदूपत्ता समर्थन मूल्य | ₹5500 प्रति मानक बोरा |
🔍 निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ सरकार पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान और औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण को लेकर गंभीर है। श्री विकास मरकाम के नेतृत्व में यह बोर्ड वन आधारित आजीविका, आदिवासी ज्ञान और स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।