बिलासपुर, छत्तीसगढ़।
बिलासपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया श्री रामसेतु मार्ग का लोकार्पण
शनिवार की शाम को बिलासपुर में ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री रामसेतु मार्ग का लोकार्पण किया। यह प्रोजेक्ट अरपा उत्थान और तट संवर्धन परियोजना का हिस्सा है, जो शहर के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। लोकार्पण कार्यक्रम में लेजर शो, आतिशबाजी, और बिलासपुर विकास दीप महोत्सव के आयोजन से माहौल उत्सवमय हो गया। इस अवसर पर अरपा नदी में 10,000 दीप प्रवाहित किए गए, जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धारा को प्रतिबिंबित करता है।
मुख्यमंत्री ने दिए विकास के नए आयाम
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, और इसे विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अहम भूमिका निभानी है।” उन्होंने कहा कि अरपा नदी सिर्फ एक जलधारा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। अरपा नदी के संरक्षण और विकास के लिए राज्य सरकार संकल्पित है।
मुख्य घोषणाएं:
- अरपा उत्थान परियोजना: इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक 2 किलोमीटर की फोर-लेन सड़क का निर्माण।
- नदी के किनारों पर नाला निर्माण, जिससे गंदे पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा और नदी को प्रदूषण से बचाया जाएगा।
- मल्हार महोत्सव की पुनः शुरुआत: 20 लाख रुपए के बजट प्रावधान के साथ।
श्री रामसेतु मार्ग: यातायात के लिए नई राह
अरपा नदी के दाईं ओर बनाई गई यह सड़क 49.98 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है। इस मार्ग पर फुटपाथ, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट, रिटेनिंग वॉल और सौंदर्यीकरण का कार्य शामिल है।
श्री रामसेतु मार्ग नेहरू चौक को गोल बाजार, सदर बाजार और शनिचरी बाजार से जोड़ने का एक सुव्यवस्थित वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है। इसके लोकार्पण से यातायात सुगम होगा और शहरवासियों को समय की बचत होगी।
अरपा नदी संरक्षण: एक समर्पित प्रयास
अरपा नदी के तटों को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए तट संवर्धन और प्रदूषण नियंत्रण परियोजना के तहत कई कार्य चल रहे हैं। यह परियोजना न केवल शहर की अधोसंरचना को मजबूत करेगी, बल्कि अरपा नदी के अस्तित्व को बनाए रखने में भी मददगार साबित होगी।
बिलासपुर विकास दीप महोत्सव
इस भव्य आयोजन में अरपा नदी के दोनों पुलों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया। दीप महोत्सव में हजारों दीपों ने अरपा नदी को रोशन किया, जो पर्यावरण और संस्कृति के प्रति समर्पण का प्रतीक है।