छत्तीसगढ़ विभूति : संगीत सम्राट खुमान साव

छत्तीसगढ़ के संगीत सम्राट कहे जाने वाले खुमान साव ने प्रदेश की लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए चंदैनी गोंदा संस्था की स्थापना की। इसके माध्यम से उन्होंने पांच हजार से अधिक प्रस्तुतियां दीं। इसके साथ ही आम लोगों की बोली में जमीन से जुड़े उनके गीत प्रदेश, देश की सरहदें पार कर सात समुंदर पार तक जा पहुंचे। संगीत के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

छत्तीसगढ़ विभूति : संगीत सम्राट खुमान साव

छत्तीसगढ़ विभूति : संगीत सम्राट खुमान साव
छत्तीसगढ़ विभूति : संगीत सम्राट खुमान साव

वर्ष 1929 को जन्मे खुमान साव की बचपन से ही रुचि संगीत में रही। किशोर अवस्था में वे नाचा के युग पुरूष दाऊ मंदराजी के साथ जुड़ गए थे। 70 के दशक में उनकी मुलाकात दाऊ रानचंद्र देशमुख से हुई और यहीं से उन्होंने अपने जीवन की एक नई शुरुआत की। चंदैनी-गोंदा में वे बतौर संगीत निर्देशक काम करने लगे।

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