गंगरेल के रविशंकर जलाशय में जल संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समुदाय के हर वर्ग को जल से जोड़ना और जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना था। इस प्रयास का एक अहम हिस्सा जल सभा का आयोजन भी था, जिसमें स्कूली बच्चों और महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
गंगरेल में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता हेतु दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव, सामुदायिक सहभागिता का अनूठा प्रयास
पहला दिन: स्कूली बच्चों द्वारा ग्राम सभा का जीवंत प्रदर्शन
पहले दिन, गंगरेल रेस्ट हाउस के परिसर में आयोजित जल सभा में स्कूली बच्चों ने ग्राम सभा का जीवंत प्रदर्शन किया। बच्चों ने गाँव की पेयजल समस्याओं, स्वच्छता, और जल संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे उनके गाँव में जल वाहिनी दीदियाँ जल और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल करने का काम करती हैं। बच्चों ने फ़्लोराइड और आयरन की अधिकता वाले हैंडपंपों को पहचानने की प्रक्रिया और ग्राम सभा में पारित किए गए प्रस्तावों के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बच्चों की इस जागरूकता और उत्साह की सराहना की।
दूसरा दिन: कॉलेज विद्यार्थियों द्वारा जल असेंबली
दूसरे दिन, कॉलेज के विद्यार्थियों ने जल असेंबली में हिस्सा लिया। विद्यार्थियों ने जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, और मानवीय सभ्यता में जल की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। 50 विद्यार्थियों ने विभिन्न नेताओं की भूमिका निभाई और जल असेंबली के संचालन में भाग लिया। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जल संरक्षण को लेकर गरमा गरम बहस भी हुई, जिसमें अंततः सामूहिक सहमति बनकर सामने आई कि जल संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता बेहद आवश्यक है।
यह महोत्सव जल संरक्षण के प्रति नई पीढ़ी को जागरूक करने का एक सफल प्रयास रहा, जिसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ जल और हरा-भरा पर्यावरण सुनिश्चित करना था।