शैलाश्रय सिंघनपुर, जो रायगढ़ छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एक प्राचीन स्मारक है। यह स्थान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यहाँ पर प्राचीन काल के शिलालेख, मंदिर और अन्य स्मारक हो सकते हैं, जो स्थानीय और अन्य विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन और संरक्षण के लिए निर्देशित किए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ के शैलाश्रय सिंघनपुर रायगढ़/ संरक्षित स्मारक
- यह शैलाश्रय दक्षिणाभिमुखी है
- रायगढ़ से २० किलोमीटर पश्चिम में
- मध्य दक्षिण पूर्वी रेलमार्ग के बिलासपुर झारसगुड़ा सेक्शन पर स्थित भूपदेवपुर नामक स्टेशन से यह स्थल दक्षिण में एक किलो मीटर की दूरी पर
- लगभग ईसापूर्व ३० हज़ार वर्ष निर्धारित
- खोज एंडरसन द्वारा १९१० के आसपास
- इंडिया पेंटिग्स १९१८ में तथा इन्साइक्लोपिडिया ब्रिटेनिका के १३वें अंक में रायगढ़ जिले के सिंघनपुर के शैलचित्रों का प्रकाशन पहली बार हुआ था।
- श्री अमरनाथ दत्त ने 1923 से 1927 के मध्य रायगढ़ तथा समीपस्थ क्षेत्रों में शैल चित्रो का सर्वेक्षण किया।
- अंकित चित्रों में सीढ़ीनुमा पुरुष, मत्स्यांगना, शिकार दृश्य, पंक्तिबद्ध नर्तक टोली एवं मानवाकृतियाँ सम्मिलित हैं।
- मत्स्यांगना, कंगारू सदृश पशु, गोह एवं सर्पाकृति के अंकन अद्वितीय हैं।
- इस शैलाश्रय में पहले २३ कलाकृतियाँ देखी गयी थीं जिनमें से अब केवल १३ ही बची हैं।
- सीढ़ीनुमा लम्बी मानवाकृति की तुलना आस्ट्रेलिया में प्राप्त सीढ़ीनुमा पुरुष से की जाती है।
- विविध पशु आकृतियाँ, वन भैंसा, बंदर, छिपकली तथा अन्य चित्रों के अंकन में आदिमानवों की कला-संस्कृति आज भी जीवित है।