
छत्तीसगढ़ राज्य खेल अलंकरण 2023-24 एवं 2024-25 हेतु आवेदन आमंत्रित – पात्रता, पुरस्कार एवं आवेदन प्रक्रिया
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य खेल अलंकरण 2023-25 हेतु खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और निर्णायकों से आवेदन आमंत्रित, आवेदन की अंतिम तिथि 26 जून 2025।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य खेल अलंकरण 2023-25 हेतु खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और निर्णायकों से आवेदन आमंत्रित, आवेदन की अंतिम तिथि 26 जून 2025।
छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियाँ: एक सांस्कृतिक दर्पण छत्तीसगढ़ जनजातीय विविधता और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम है। यहाँ की जनजातियाँ न केवल राज्य की परंपराओं को जीवंत बनाए हुए हैं, बल्कि भारत की समृद्ध आदिवासी परंपरा को भी संजोए हुए…
कंवर जनजाति छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख कृषक जनजाति है, जो स्वयं को महाभारत के कौरवों का वंशज मानती है। यह जनजाति संगोत्री और विधवा विवाह को वर्जित मानती है एवं सगराखंड देवता की पूजा करती है
हल्बा जनजाति छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख कृषक जाति है, जिसका नाम हलवाहा परंपरा से जुड़ा है। यह जनजाति अब शिक्षित होकर प्रशासनिक पदों तक पहुँच चुकी है। जानिए इसकी उपजातियाँ, धार्मिक प्रवृत्ति और सामाजिक विकास की कहानी।
बिंझवार जनजाति छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख जनजाति है जो तीर को प्रतीक मानती है और विंध्यवासिनी देवी की पूजा करती है। वीर नारायण सिंह जैसे शहीद इसी समुदाय से हैं। जानिए बिंझवार जनजाति का इतिहास, परंपरा और पहचान।
अबूझमाड़िया और माड़िया जनजाति छत्तीसगढ़ की गोंड उपजातियाँ हैं, जो अपने पेद्दा कृषि, बाइसनहार्न नृत्य, सिहारी झोपड़ी और जंगल आधारित जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। जानिए इन जनजातियों की पूरी सांस्कृतिक जानकारी।
मुरिया जनजाति छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा है, जो घोटुल परंपरा, ककसार नृत्य और ठाकुर देव की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। जानिए मुरिया जनजाति की पूरी सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना।
छत्तीसगढ़ की दो विशिष्ट जनजातियाँ — कमार और उरांव — अपने कला, संस्कृति, आस्था और जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। जानिए इन जनजातियों के रहन-सहन, गोदना परंपरा, देवता और सामाजिक संरचना के बारे में।
कोरवा जनजाति छत्तीसगढ़ की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में मचान बनाकर रहती है। इनके प्रमुख त्योहार करमा, परंपरा दरहा और दमनंच नृत्य जैसे सांस्कृतिक पहलुओं को जानिए इस लेख में।
बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है, जो अपने झूम खेती, पारंपरिक ओझा परंपरा, गोदना प्रेम, धार्मिक विश्वास और सांस्कृतिक नृत्य-गीतों के लिए प्रसिद्ध है। जानिए पूरी जानकारी यहाँ।