छत्तीसगढ़ का जल संरक्षण मॉडल: "मोर गांव मोर पानी" महाअभियान बना जन आंदोलन

छत्तीसगढ़ का जल संरक्षण मॉडल: “मोर गांव मोर पानी” महाअभियान बना जन आंदोलन

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मोर गांव मोर पानी अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए इंजेक्शन वेल तकनीक अपनाई जा रही है। जानिए कैसे यह अभियान भूजल स्तर बढ़ाने में सफल हो रहा है।

नई शिक्षा नीति से गुणवत्तापूर्ण शिक्षायुक्त मानव क्षमता होगी विकसित: शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल

छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुधार की नई पहल: स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुधार की नई पहल: स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा सुधार की दिशा में ऐतिहासिक पहल करते हुए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया है। जानिए इसके लाभ, आँकड़े और भविष्य की दिशा।

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छत्तीसगढ़ राज्य खेल अलंकरण 2023-24 एवं 2024-25 हेतु आवेदन आमंत्रित – पात्रता, पुरस्कार एवं आवेदन प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य खेल अलंकरण 2023-25 हेतु खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और निर्णायकों से आवेदन आमंत्रित, आवेदन की अंतिम तिथि 26 जून 2025।

छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियाँ: एक सांस्कृतिक दर्पण

छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियाँ: एक सांस्कृतिक दर्पण छत्तीसगढ़ जनजातीय विविधता और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम है। यहाँ की जनजातियाँ न केवल राज्य की परंपराओं को जीवंत बनाए हुए हैं, बल्कि भारत की समृद्ध आदिवासी परंपरा को भी संजोए हुए…

कंवर जनजाति: कौरव वंशजों की कृषक परंपरा

कंवर जनजाति छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख कृषक जनजाति है, जो स्वयं को महाभारत के कौरवों का वंशज मानती है। यह जनजाति संगोत्री और विधवा विवाह को वर्जित मानती है एवं सगराखंड देवता की पूजा करती है

हल्बा जनजाति: हलवाहा परंपरा से शिक्षित समाज तक का सफर

हल्बा जनजाति छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख कृषक जाति है, जिसका नाम हलवाहा परंपरा से जुड़ा है। यह जनजाति अब शिक्षित होकर प्रशासनिक पदों तक पहुँच चुकी है। जानिए इसकी उपजातियाँ, धार्मिक प्रवृत्ति और सामाजिक विकास की कहानी।

🌿 बिंझवार जनजाति: विंध्यवासिनी देवी की भक्त और वीर परंपरा के प्रतीक

बिंझवार जनजाति छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख जनजाति है जो तीर को प्रतीक मानती है और विंध्यवासिनी देवी की पूजा करती है। वीर नारायण सिंह जैसे शहीद इसी समुदाय से हैं। जानिए बिंझवार जनजाति का इतिहास, परंपरा और पहचान।

🌲 अबूझमाड़िया और माड़िया जनजाति: छत्तीसगढ़ की आदिम परंपराओं की अनूठी पहचान

अबूझमाड़िया और माड़िया जनजाति छत्तीसगढ़ की गोंड उपजातियाँ हैं, जो अपने पेद्दा कृषि, बाइसनहार्न नृत्य, सिहारी झोपड़ी और जंगल आधारित जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। जानिए इन जनजातियों की पूरी सांस्कृतिक जानकारी।

🌿 मुरिया जनजाति: घोटुल संस्कृति और नृत्य परंपरा की अद्भुत झलक

मुरिया जनजाति छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा है, जो घोटुल परंपरा, ककसार नृत्य और ठाकुर देव की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। जानिए मुरिया जनजाति की पूरी सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना।

🌾 कमार जनजाति: छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला और श्रमशीलता की प्रतीक

छत्तीसगढ़ की दो विशिष्ट जनजातियाँ — कमार और उरांव — अपने कला, संस्कृति, आस्था और जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। जानिए इन जनजातियों के रहन-सहन, गोदना परंपरा, देवता और सामाजिक संरचना के बारे में।