मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का ऐतिहासिक फैसला: मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में पूर्ण छूट

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक दलहन, तिलहन और गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में पूर्ण छूट प्रदान की है। यह निर्णय प्रदेश के लाखों किसानों, दाल मिल, तिलहन मिल, फ्लोर मिल संचालकों और व्यापारियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
निर्णय की प्रमुख बातें
- छूट अवधि: 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक।
- शुल्क में छूट: मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क।
- लाभार्थी: किसान, दाल मिल, तिलहन मिल, फ्लोर मिल संचालक और व्यापारी।
- उद्देश्य: राज्य में कृषि और व्यापारिक क्षेत्र को सशक्त बनाना।
पृष्ठभूमि
प्रदेश के व्यापारियों और मिल संचालकों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि अन्य राज्यों से प्रसंस्करण और विनिर्माण के लिए लाई जाने वाली दलहन, तिलहन और गेहूं पर मंडी शुल्क में छूट दी जाए। इस पर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 17 दिसंबर 2024 को अधिसूचना जारी कर 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ की सभी मंडियों में पूर्ण छूट की घोषणा की।
किसानों और व्यापारियों पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री अमर परवानी ने इस निर्णय को “ऐतिहासिक” करार दिया और कहा कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा। उनके अनुसार:
- यह कदम किसानों और व्यापारियों के हितों की रक्षा करेगा।
- व्यापारी पड़ोसी राज्यों से प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर व्यापार कर सकेंगे।
- प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
- किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा।
रोजगार और आर्थिक विकास
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस फैसले से प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण होगा, जो दाल मिल, तिलहन मिल और फ्लोर मिलों पर निर्भर हैं। उपभोक्ताओं को दाल, तेल और आटा जैसी वस्तुएं कम कीमत पर उपलब्ध होंगी, जिससे घरेलू खर्चों में कमी आएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में दलहन, तिलहन और गेहूं का उत्पादन मांग के अनुरूप नहीं है। ऐसे में मंडी शुल्क में छूट मिलने से राज्य की मिलें अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर जरूरी वस्तुएं मिलेंगी।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री अमर परवानी, रायपुर दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संजीत गोयल, सचिव श्री श्याम सुंदर गोयल, फ्लोर मिल एसोसिएशन के सचिव श्री रमेश अग्रवाल और अन्य उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इस निर्णय की सराहना की और इसे प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर बताया।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का यह निर्णय राज्य के किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए व्यापक लाभकारी सिद्ध होगा। वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, यह कदम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।