छत्तीसगढ़ के जनजातीय आभूषण: पारंपरिक गहनों की सूची और उनका सांस्कृतिक महत्व
छत्तीसगढ़ की जनजातियों द्वारा पहने जाने वाले प्रमुख पारंपरिक आभूषण जैसे करधन, लुरकी, सूतिया, फुली और बिछिया के नाम, उपयोग और सांस्कृतिक महत्व की जानकारी। इस पोस्ट में आपको जनजातीय गहनों की सूची तालिका सहित मिलेगी।
🌿 छत्तीसगढ़ की जनजातियों के प्रमुख पारंपरिक आभूषण
क्रम | आभूषण का नाम | पहनने का स्थान | निर्माण सामग्री | अन्य नाम / उपयोग |
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1 | लुरकी | कान | पीतल, चांदी, तांबा | कर्ण फूल, खिनवा |
2 | करधन | कमर | चांदी, नकली चांदी | करधनी |
3 | सूतिया | गला | एल्यूमिनियम, चांदी, गिलट, पीतल | – |
4 | पैरी | पैर | गिलट, चांदी | पैरपट्टी, तोड़ा, सांटी, लच्छा |
5 | बांहूटा | बांह | चांदी, गिलट | पहुंची (मैना), बनौरिया (भुंजिया) |
6 | बिछिया | पैर की उंगलियाँ | चांदी | चुटकी (बैगा) |
7 | ऐंठी | कलाई | चांदी, गिलट | ककना, गुलेठा |
8 | बंधा | गला | पुराने चांदी के सिक्के | सिक्कों की माला |
9 | फुली | नाक | चांदी, पीतल, सोना | लौंग |
10 | धमेल | गला | चांदी, पीतल, गिलट | सरिया, हंसली |
11 | नागकोरी | कलाई | चांदी / अन्य धातु | – |
12 | खोंचनी | बालों में | लकड़ी, चांदी, गिलट, प्लास्टिक | ककवा |
13 | मुंदरी | हाथ की उंगलियाँ | धातु | चुटकी (बैगा) |
14 | सुर्रा / सुर्डा | गला | गिलट, चांदी | – |