छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर हर साल मनाया जाने वाला राज्योत्सव, इस बार नवा रायपुर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। 4 से 6 नवंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय आयोजन में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, आर्थिक विकास और सामाजिक समर्पण का विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्योत्सव का मुख्य उद्देश्य राज्य की संस्कृति, परंपराओं और उपलब्धियों को देश-दुनिया के सामने लाना है। आइए जानें कि इस खास मौके पर क्या-क्या आयोजन किए जा रहे हैं।
आयोजन का शुभारंभ और उद्घाटन
राज्योत्सव का शुभारंभ 4 नवंबर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इसके बाद 5 नवंबर को राज्यपाल श्री रमेन डेका के दीप प्रज्ज्वलन से मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जिसमें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय अध्यक्षता करेंगे। इस आयोजन में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा सहित कई गणमान्य अतिथि और विशिष्ट जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। 6 नवंबर को राज्य अलंकरण समारोह के साथ राज्योत्सव का समापन होगा, जिसमें उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
सांस्कृतिक संध्या और आकर्षक प्रस्तुतियाँ
राज्योत्सव में हर दिन की शाम सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति की विविधता झलकती है। 5 नवंबर की सांस्कृतिक संध्या को खास बनाने के लिए कई आकर्षक प्रस्तुतियाँ रखी गई हैं।
- शाम 5 बजे: लोक कलाकार श्री पुराणिक साहू “सांस्कृतिक लहर गंगा” के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सजीव करेंगे। उनके साथ श्री सुरेन्द्र साहू, भोला यादव और साथी बैंजो, शहनाई और बांसुरी के माध्यम से लोक धुनों की प्रस्तुति देंगे, जो श्रोताओं को आनंदित करेगी।
- शाम 6 बजे: श्री मोहन नायडू और उनके साथी “द मूनलाइट रागा” की प्रस्तुति देंगे, जो एक विशेष संगीत रचना है। इसके बाद राजेश अवस्थी का गायन और सुश्री आरू साहू द्वारा छत्तीसगढ़ी लोक गीतों की प्रस्तुतियाँ होंगी।
- रात्रि 8:30 बजे: सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका सुश्री नीति मोहन अपने गीतों से समां बांधेंगी। नीति मोहन का आकर्षक प्रदर्शन राज्योत्सव की संगीतमय रात को और भी यादगार बना देगा।
भव्य प्रदर्शनियाँ और शिल्प ग्राम
राज्योत्सव स्थल पर विभिन्न शासकीय विभागों की प्रदर्शनियाँ लगी हैं, जहां राज्य की योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की झलक देखने को मिलती है। ये प्रदर्शनियाँ राज्य के विकास और समर्पण को दर्शाती हैं। इसके साथ ही शिल्प ग्राम, फूड कोर्ट, मीना बाजार और विभिन्न सांस्कृतिक स्थलों पर हर दिन हजारों लोग अपने परिवार के साथ पहुँच रहे हैं और इनका आनंद ले रहे हैं।
शिल्प ग्राम में हस्तशिल्प की बेहतरीन कृतियों का प्रदर्शन किया गया है, जो स्थानीय कारीगरों की कला को उजागर करता है। यहां के शिल्प उत्पाद न केवल राज्य की पहचान हैं, बल्कि इन्हें खरीदने के लिए भी लोग काफी उत्साहित नजर आते हैं।
फूड कोर्ट और मीना बाजार
छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए राज्योत्सव स्थल पर फूड कोर्ट का विशेष आयोजन किया गया है, जहाँ विभिन्न प्रकार के पारंपरिक पकवानों का आनंद लिया जा सकता है। मीना बाजार भी बच्चों और परिवारों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जहां वे विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं।
राज्योत्सव की साज-सज्जा
राज्योत्सव स्थल की सजावट बेहद आकर्षक है, जो आगंतुकों को लुभा रही है। रोशनी, फूलों की सजावट और रंगीन पंडालों से सजा राज्योत्सव स्थल एक उत्सव का माहौल प्रस्तुत कर रहा है। विभिन्न प्रकार के रंगीन और आधुनिक लाइट्स का संयोजन इसे और भी खूबसूरत बनाता है।
राज्योत्सव का महत्व और समापन
छत्तीसगढ़ राज्य का यह आयोजन न केवल राज्य के गौरव और संस्कृति का उत्सव है, बल्कि यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों को राज्य के इतिहास और विकास यात्रा के बारे में जानने का अवसर भी प्रदान करता है। राज्योत्सव का समापन 6 नवंबर को होगा, जहाँ उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और इस समारोह को गौरवान्वित करेंगे।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह राज्य की आत्मा, उसकी परंपरा, और उसकी आर्थिक प्रगति को उत्सव के रूप में प्रदर्शित करता है। यह आयोजन उन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति, विरासत और समाज का हिस्सा हैं या उसे समझना चाहते हैं।