छत्तीसगढ़: आदिवासी समुदाय और किसानों के हित में नीतिगत पहल

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छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को राज्य की जनसंख्या और अर्थव्यवस्था के दो प्रमुख पहलुओं – आदिवासी बहुल जनसंख्या और कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था – पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। इन दोनों कारकों की अनदेखी करना संभव नहीं है, क्योंकि ये राज्य की समृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में माओवादी आतंक को समाप्त करने की प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे राज्य की विकास यात्रा में एक नया प्रोत्साहन मिला है।

आदिवासी और कृषि हितकारी नीतियों का कार्यान्वयन

छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य ने विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आदिवासी समुदाय और किसानों के हित में राज्य सरकार ने पारदर्शी प्रशासन और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से नीति निर्माण का कार्य किया है।

कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत राज्य में खेती-किसानी को नई ऊर्जा मिली है। फसल उत्पादन में बढ़ोतरी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की गई है, जिसके तहत पिछले वर्ष किसानों से 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया। इसके अलावा, राज्य सरकार ने धान की बकाया बोनस राशि का भुगतान भी किया, जिससे किसानों को आर्थिक मजबूती मिली है।

माओवादी आतंक से निपटने के उपाय

माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में माओवाद को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। इन क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं, जिससे वहां के लोगों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसके अलावा, माओवादी प्रभावित जिलों में आदिवासी युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

वनवासी समुदाय के सशक्तीकरण हेतु कदम

वनवासी समुदाय की आय बढ़ाने के लिए लघु वनोपज के संग्रहण और प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक को भी बढ़ाकर 5500 रुपये प्रति बोरा कर दिया गया है। महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को सीधे आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जो उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार ला रही है।

शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में सुधार

राज्य में नई शिक्षा नीति लागू की गई है, जिसके अंतर्गत जनजातीय समुदाय के बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों के लिए प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जहां उन्हें मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की आदिवासी और किसान आबादी के उत्थान के लिए विशेष नीतियां लागू की हैं, जिनके माध्यम से राज्य को समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने का प्रयास किया जा रहा है। आदिवासी समुदाय, कृषि विकास और माओवादी आतंक से मुक्ति के लिए किए जा रहे ये प्रयास राज्य के विकास और सामाजिक सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

इस तरह की समग्र नीतियों से छत्तीसगढ़ न केवल आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि भारत के विकास में भी अपना योगदान दे रहा है।

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