CG आचार संहिता : नए टेंडर पर रोक, जारी परियोजनाओं पर रहेगा काम जारी

छत्तीसगढ़ में पंचायत और निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। 20 जनवरी से आचार संहिता लागू हो गई है, जिसके तहत चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए कई नियम लागू किए जाते हैं। इसके साथ ही, 21 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आइए जानते हैं, आचार संहिता के दौरान क्या कार्य किए जा सकते हैं और किन पर रोक लगाई जाती है।
आचार संहिता के दौरान जारी रहने वाले कार्य:
- पहले से चल रहे सरकारी योजनाओं का संचालन:
जिन योजनाओं पर पहले से काम शुरू हो चुका है, वे आचार संहिता लागू होने के बाद भी जारी रहेंगी। - पहचान हो चुके लाभार्थियों को योजना का लाभ:
जिन योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान आचार संहिता लागू होने से पहले हो चुकी है, वे योजनाएं चालू रहेंगी। - मनरेगा और अन्य सतत विकास योजनाएं:
पहले से चल रही योजनाओं, जैसे मनरेगा, पर कोई रोक नहीं लगती। - स्वीकृत योजनाएं:
जिन नई योजनाओं को पहले ही मंजूरी और बजट स्वीकृति मिल चुकी है, उनका कार्य बिना रुकावट जारी रहेगा। - जरूरी प्रशासनिक कार्य:
ड्राइविंग लाइसेंस, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और जमीन की रजिस्ट्री जैसे आवश्यक कार्य आचार संहिता के दौरान भी जारी रहेंगे। - ट्रांसफर और पोस्टिंग:
प्रशासन और पुलिस विभाग में ट्रांसफर एवं पोस्टिंग केवल चुनाव आयोग के आदेश पर ही संभव होंगे।
आचार संहिता लागू होने के बाद इन कार्यों पर रोक:
- नई योजनाओं की घोषणा:
आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी नई योजना या टेंडर की घोषणा पर रोक रहेगी। - सांसद और विधायक निधि:
सांसद निधि, विधायक निधि, और जनप्रतिनिधियों के कोष से होने वाले कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं। - सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग:
प्रचार या प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों, और मशीनरी का उपयोग प्रतिबंधित होता है। - शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम:
चुनाव के दौरान किसी भी सरकारी घोषणा, लोकार्पण, या शिलान्यास के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सकते। - ट्रांसफर और तैनाती पर प्रतिबंध:
सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले और नई नियुक्तियों पर पूरी तरह रोक होती है। - सरकारी विज्ञापन और होर्डिंग्स:
उपलब्धियों वाले सरकारी विज्ञापन, होर्डिंग्स, या पोस्टर्स जो सरकारी खर्च पर लगे हों, उन्हें तुरंत हटा दिया जाता है। - जाति और धर्म आधारित प्रचार:
जाति, धर्म, या समुदाय के आधार पर वोट मांगने पर सख्त प्रतिबंध रहता है। - सरकारी वेबसाइट का उपयोग:
राज्य और केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से मंत्रियों, नेताओं, और राजनीतिक दलों से जुड़े सभी संदर्भ हटा दिए जाते हैं।
आचार संहिता का उद्देश्य
आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार समान अवसरों के साथ चुनाव में भाग लें और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग न हो।
आचार संहिता का पालन करना न केवल चुनाव आयोग के लिए बल्कि सभी उम्मीदवारों और जनता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखा जाता है।