छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि, रोकथाम के लिए कड़े कदम
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के प्रकरण की पुष्टि होने पर इसे गंभीरता से लेते हुए राज्यभर में रोकथाम के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। इसके साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। सभी कलेक्टरों और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को एहतियाती कदम उठाने, सतर्कता बरतने और बायोसेक्योरिटी निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
रायगढ़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि
रायगढ़ जिले के शासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र में बर्ड फ्लू के मामले की पुष्टि हुई है।
- 30 जनवरी 2025 को बड़ी संख्या में पक्षियों की अकस्मिक मृत्यु की सूचना के बाद पशु चिकित्सकों की टीम गठित की गई थी।
- 31 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल द्वारा जांच के बाद बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि की गई।
रोकथाम के लिए उठाए गए कदम
✅ 1 किलोमीटर क्षेत्र को इन्फेक्टेड जोन घोषित:
- प्रभावित क्षेत्र के 1 किलोमीटर के दायरे में सभी पोल्ट्री उत्पादों (मुर्गी, अंडे, आहार) का विनिष्टीकरण किया गया।
✅ 1 से 10 किलोमीटर क्षेत्र को सर्विलांस जोन घोषित:
- इस क्षेत्र में पोल्ट्री और अंडे की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया और सीरो सर्वेक्षण कार्य शुरू किया गया।
- प्रभावित पोल्ट्री फार्म के मालिकों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर मुआवजा देने के निर्देश जारी।
✅ पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की आवाजाही पर प्रतिबंध:
- इन्फेक्टेड जोन से पोल्ट्री उत्पादों को ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
✅ सुरक्षा उपाय:
- पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (PPE) किट का उपयोग करने के निर्देश।
आम जनता के लिए अपील
संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने आम जनता से अपील की है कि बर्ड फ्लू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
- संक्रमित क्षेत्रों में सभी आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है।
- पोल्ट्री उत्पादों का सेवन स्वच्छता और सावधानी से किया जा सकता है, क्योंकि ये पोषण से भरपूर होते हैं और कुपोषण दूर करने में सहायक होते हैं।
- अब तक छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है।
- एवियन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक बीमारी है, जो पक्षियों में फैलती है, लेकिन भारत में अब तक मानव संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।
फिर भी, सावधानी और सतर्कता जरूरी है, ताकि संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके।