भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत अधिक से अधिक पात्र एवं वास्तविक किसानों को योजना का लाभ मिल सके, इस हेतु आगामी 16वीं किस्त जारी होने के पूर्व योजना में पंजीकृत ऐसे समस्त किसान जिनका ई-केवायसी लंबित है को ई-केवायसी कराना अनिवार्य है।
बलौदाबाजार : पीएम-किसान सम्मान निधि योजना में ई-केवायसी कराना अनिवार्य
ई-केवायसी पूर्ण होने के उपरांत ही पंजीकृत किसानों को किस्त की राशि जारी की जावेगी। जिले में कुल 1612 किसानों का ई-केवायसी लंबित है। जिसमें बलौदाबाजार 170, पलारी 226, भाटापारा 185, सिमगा 189, कसडोल 771 एवं शहरी क्षेत्र के 70 किसान शामिल है। जिसकी सूची मैदानी कृषि अधिकारियों एवं जिले के समस्त ग्राहक सेवा केन्द्रों को उपलब्ध कराई गई है।
कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने किसानों अपील करते हुए कहा कि वे तत्काल अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी एवं नजदीकी ग्राहक सेवा केन्द्र से सम्पर्क कर ई-केवायसी पूर्ण करा सकते है अथवा किसान स्वयं भी दिये गये लिंक
https://exlink.pmkisan.gov.in/aadharekyc.aspx
के माध्यम से ओ.टी.पी. आधारित ई-केवायसी पूर्ण कर सकते हैं। इस हेतु ग्रामवार समाधान शिविरों का आयोजन भी किया जा रहा है। साथ ही योजना के तहत् लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राहियों से आग्रह है कि, वे संबंधित बैंक में संपर्क कर आधार सीडिंग/डी.बी.टी. सक्रिय कराने हेतु आधार कार्ड एवं पासबुक की छायाप्रति, आवेदन के साथ बैंक में जमा करें अथवा नजदीकी पोस्ट आॅफिस में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में आधार आधारित भुगतान हेतु नवीन खाता खुलवाऐं। ऐसे हितग्राही जिनके पंजीयन में भूमि विवरण आधार से लिंक नहीं है तो वे अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी के पास आधार कार्ड एव ंबी-1 की छायाप्रति जमा कर पूर्ण करा सकते हैं। ऐसे कृषक जो वर्तमान में स्वयं अथवा ग्राहक सेवा केन्द्र के माध्यम से योजना में नवीन पंजीयन करा रहे है तो सत्यापन हेतु आवश्यक दस्तावेज अनिवार्य रुप से क्षेत्रीय कृषि अधिकारी या विकासखण्ड कृषि कार्यालय में जमा करें, जिससे की समयावधि में सत्यापन का कार्य पूर्ण किया जा सके।
ऐसे हितग्राही लाभ से हो सकते है
- वंचित जिन हितग्राहियों द्वारा ई-केवायसी नहीं कराया गया है।
- हितग्राही का लैण्ड रिकार्ड में आधार लिंक नहीं।
- बैंक द्वारा डी.बी.टी. हस्तांतरण हेतु इनेबल नहीं होने के कारण।
- पंजीयन निरस्त होने के कारण।
- पंजीयन उपरांत विभाग में दस्तावेज जमा नहीं करने के कारण।