छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति: नदियाँ, तापमान , मिट्टी, कृषि,

छत्तीसगढ़ के मध्य भाग में मैदानी क्षेत्र है तथा दण्डकारण्य में ऊँचे-नीचे पठार और उसके कगार प्रमुख स्थलाकृतियाँ हैं.

छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति

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छत्तीसगढ़ की नदियाँ

  • प्रदेश का उत्तरी हिस्सा गंगा अपवाह तंत्र के अन्तर्गत सोन नदी के पेंमिन का भाग है,
  • मध्य भाग महानदी के बेसिन का हिस्सा है जो प्रदेश की पूर्वी सीमा पर ओडिशा में, जहाँ यह संकरी घाटी से गुजरती है, हीराकुड बाँध बनाया गया है.
  • दण्डकारण्य का अधिकांश जल इंद्रावती द्वारा गोदावरी में जाता है, जबकि मैकल के पठार में उत्तरी कवर्धा जिले का जल वंजर नदी के द्वारा नर्मदा में ले जाया जाता है,

छत्तीसगढ़ का तापमान

भारत का भाग होने के कारण प्रदेश की जलवायु मानसूनी है. देश के मध्य-पूर्व में स्थित होने के कारण महाद्वीपीय प्रभाव दृष्टिगत होते हैं. यह प्रवृत्ति तापांतर और वर्षा की मात्रा दोनों में मिलती है,

मई में मध्य भाग का औसत तापमान 350 के ऊपर रहता है तो उत्तरी एवं दक्षिणी हिस्से में इससे कम, जबकि दिसम्बर माह में सम्पूर्ण प्रदेश में तापांतर अधिक होता है. इस प्रकार वर्षों का वितरण भी असमान है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश की मिट्टी

प्रदेश में मुख्यतः लाल और पीली मिट्टी प्राप्त होती है, जो करुया, धारवाड़ और गोंडवाना चट्टानों से उत्पन्न हुई है, यह लुई दोमट मिट्टी अपेक्षाकृत कम उर है. राइट (भाटा, अत्यधिक ऊसर तथा काली मिट्टियों बीच-बीच में मिलती हैं.

छत्तीसगढ़ प्रदेश में किस प्रकार की मिट्टी है ?

छत्तीसगढ़ प्रदेश मेंमुख्यतः लाल और पीली मिट्टी प्राप्त होती है ?

छत्तीसगढ़ में कृषि

देश के अन्य भागों के समान कृषि यहाँ का मुख्य आर्थिक कार्य है, छत्तीसगढ़ की लगभग 80 प्रतिशत जनता कृषि एवं कृषि आधारित उद्योग-धंधों पर निर्भर है. कृषि भूमि उपयोग में स्पष्ट प्रादेशिक भिन्नता मिलती है.

छत्तीसगढ़ की कृषि भूमि

प्रदेश को 137-89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से कुल बोया गया क्षेत्र अन्तर्गत 56-83 लाख हेक्टेयर है तथा निरा बोया गया क्षेत्र 47-10 लाख हेक्टेयर है.

छत्तीसगढ़ की कृषि भूमि कितनी है ?

प्रदेश को 137-89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से कुल बोया गया क्षेत्र अन्तर्गत 56-83 लाख हेक्टेयर है तथा निरा बोया गया क्षेत्र 47-10 लाख हेक्टेयर है.

छत्तीसगढ़ में सिंचाई

प्रदेश गठन के समय शासकीय स्रोतों से 13-28 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र निर्मित हुआ था, जो कुल बोए गए क्षेत्र का 23 प्रतिशत है.वर्तमान में 43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा निर्मित करने का प्रावधान है, जिससे से 33-80 लाख एवं भूजल से 9-20 लाख हेक्टेयर सिंचाई की जा सकती है.

छत्तीसगढ़ की खनिज संपत्ति

छत्तीसगढ़ खनिज सम्पत्ति की दृष्टि से विशेष धनी है. लगभग 27 प्रकार के खनिज गोंडवाना और चाराल समूहों में मिलते हैं. स्वातंत्र्योत्तर काल में यहाँ नियोजित उत्खनन आरम्भ हुआ. यहाँ औद्योगिक विकास का आधार कोयला है, जिससे उद्योगों को ऊर्जा मिलती है. अन्य प्रमुख खनिज लोहा, बॉक्साइट, टिन, हीरा, डोलोमाइट, चूना आदि उल्लेखनीय हैं. नियोजित काल में क्षेत्र में कायला पानी की प्रचुरता के कारण ताप विद्युत् गृह स्थापित किए गए. कोरबा इसका केन्द्र है.

छत्तीसगढ़ के प्रमुख उद्योग कौन कौन से है ?

छत्तीसगढ़ में कुल 3 प्रमुख उद्योग है. जो निम्न प्रकार है –
(1)केन्द्रीय उपक्रमों में एन.एम.डी.सी. बैलाडिला मेल भिलाई
(2)एन.टी.पी.सी. एवं बाल्को कोरबा .
(3)कोल इंडिया बिलासपुर .

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल कितने प्रशासनिक संभाग है ?

प्रदेश में कुल पाँच प्रशासनिक संभाग बस्तर, रायपुर, दुर्ग, सरगुजा एवं विलासपुर है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल कितने तहसील है?

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 149 तहसील है?.

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल कितने विकास खण्ड है?

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 146 विकास खण्ड है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल कितने नगर है?

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 168 नगर है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल कितने ग्राम है?

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 20.126 ग्राम है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल कितने ग्राम पंचायत है?

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 9820 ग्राम पंचायत है.

छत्तीसगढ़ विधान सभा में कुल कितनी सीटें है ?

छत्तीसगढ़ विधान सभा में कुल 90 सीटें है, जिसमे 34 अनुसूचित जनजाति, 10 अनुसूचित जाति एवं शेष 46 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं.

छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसले कौन कौन सी है ?

छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल चावल है, इसके अलावा चना, गेहूँ, ज्वार, अरहर, गन्ना आदि फसले भी उगाई जाती है.

सम्पूर्ण प्रदेश में चावल प्रधान फसल है, जबकि चना, गेहूँ, ज्वार, अरहर, गन्ना आदि का प्रचलन सिंचाई सुविधा के साथ बह रहा है.

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